

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र अभी शुरू भी नहीं हुआ है और पहले से ही विपक्ष के तेवर तल्ख हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेस वार्ता से ठीक पहले सोशल मीडिया पर सरकार को घेरते हुए गंभीर आरोप लगाए। उनका दावा है कि यह चार दिन का सत्र सिर्फ सरकार की नाकामियों को छिपाने की कोशिश है, न कि किसी ठोस विकास या जनहित से जुड़ा कदम।
शिवपाल यादव का BJP सरकार पर तीखा हमला
Lucknow News: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का आगामी मानसून सत्र अभी शुरू होने वाला है, लेकिन उससे पहले ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने सत्ताधारी भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है और चार दिन का सत्र बुलाकर अपनी नौ साल की विफलताओं को छिपाने का प्रयास कर रही है।
शिवपाल यादव ने यह बयान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेस वार्ता से ठीक पहले दिया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई। सपा नेता का दावा है कि चार दिन का विधानमंडल सत्र मात्र एक दिखावा है, जिसका कोई वास्तविक उद्देश्य नहीं है।
“सिर्फ एक दिन में 24 घंटे का सत्र चलाना चाहते हैं”
शिवपाल सिंह यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा सरकार चार दिन के सत्र में इतना काम निपटाना चाहती है, जैसे मानो एक ही दिन में 24 घंटे लगातार सत्र चले। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार के पास कोई ठोस योजना या नीति नहीं है, तो इस तरह का सत्र बुलाकर कौन सा विकास होगा?
बाढ़, सिंचाई और सड़कों पर सवाल
सपा नेता ने प्रदेश की बाढ़ और सिंचाई व्यवस्था पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने लिखा कि BJP सरकार बाढ़ से निपटने की व्यवस्था नहीं कर पा रही है और मंत्री कहते हैं कि "प्रकृति से कैसे लड़ें"? शिवपाल का कहना है कि सरकार अगर चाहती तो बाढ़ से बचाव के लिए व्यवस्थाएं पहले से कर सकती थी। उन्होंने लखनऊ की सड़कों की स्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि दो दिन की बारिश ने राजधानी की सड़कों को धूल भरी आंधी में बदल दिया है, तो सोचिए बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा।
स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून व्यवस्था पर तीखा हमला
शिवपाल यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा चुकी हैं, महिलाओं की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है और भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार शराब की दुकानों को बढ़ावा दे रही है, जबकि स्कूलों की संख्या में कटौती की जा रही है। बिजली संकट पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में बिजली नहीं है, लोग परेशान हैं, गर्मी में बेहाल हैं और बिजली विभाग कोई समाधान नहीं दे पा रहा।
“2027 में समाजवादी सरकार ही ला सकती है सुधार”
शिवपाल यादव ने अपनी पोस्ट के अंत में दावा किया कि इन सभी समस्याओं का समाधान तभी होगा जब 2027 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार वापस आएगी। उनका यह बयान सीधे तौर पर एक राजनीतिक एजेंडा सेट करता नजर आता है, जिसमें वे भाजपा की विफलताओं को उजागर कर जनता को विकल्प देने की बात कर रहे हैं।
क्या सत्र रहेगा सिर्फ औपचारिकता?
अब सवाल ये उठता है कि चार दिन का ये सत्र असल में किस हद तक प्रभावशाली होगा? क्या सरकार इस सत्र में विपक्ष के आरोपों का जवाब दे पाएगी या यह महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का अखाड़ा बनकर रह जाएगा?