सांसद रमाशंकर ने ओम प्रकाश राजभर को बताया “पलटू राम”, जानें क्यों दिया इतना बड़ा बयान

सलेमपुर के सांसद रमाशंकर विद्यार्थी ने ओम प्रकाश राजभर पर कड़ी टिप्पणी की है, उन्हें “पलटू राम” करार देते हुए कहा कि राजभर की राजनीति सत्ता के इर्द-गिर्द घूमती है। विद्यार्थी ने आरोप लगाया कि राजभर का कोई स्थिर राजनीतिक अस्तित्व नहीं है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 12 October 2025, 7:38 PM IST
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Deoria: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर द्वारा समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर की गई टिप्पणी के बाद सलेमपुर देवरिया के सांसद रमाशंकर विद्यार्थी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सांसद ने राजभर को "पलटू राम" तक कह डाला और उन पर राजनीति में अपने बयानों को लेकर ढेरों सवाल उठाए।

ओम प्रकाश राजभर की टिप्पणी पर सांसद का तीखा बयान

ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ यह प्रतिक्रिया उस समय आई जब उन्होंने अखिलेश यादव पर कुछ विवादास्पद टिप्पणियां की थीं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, सलेमपुर के सांसद रमाशंकर विद्यार्थी ने कहा कि राजभर का कोई स्थिर राजनीतिक अस्तित्व नहीं है। उन्होंने राजभर को “पलटू राम” करार देते हुए कहा कि जब वह सपा में थे, तो उन्होंने भाजपा नेताओं मोदी, अमित शाह, और योगी आदित्यनाथ पर अनाप-शनाप बयान दिए थे और बाद में माफी भी मांगी थी।

राजभर के बयान और उनकी दोहरी भूमिका

सांसद ने आगे कहा कि ओम प्रकाश राजभर का राजनीतिक जीवन एक अजीब मोड़ पर है। जब वह समाजवादी पार्टी के साथ थे, तो उन्होंने भाजपा नेताओं पर तीखे हमले किए थे, लेकिन सत्ता की मलाई के लिए उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। राजभर की राजनीति की यह पलटवार शैली उनके लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। सांसद ने कहा कि यह हर किसी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या सच में ओम प्रकाश राजभर के पास कोई राजनीतिक सिद्धांत है या वह सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए इस तरह की बयानबाजी करते हैं।

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ओम प्रकाश राजभर का अस्तित्व: एक राजनीतिक प्रश्न

रमाशंकर विद्यार्थी ने राजभर के अस्तित्व पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ रहते हुए राजभर अखिलेश यादव और सपा को निशाना बना रहे हैं, लेकिन उनकी कोई राजनीतिक स्थिरता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राजभर के पास न तो कोई मजबूत जनाधार है, न ही कोई विचारधारा। विद्यार्थी ने यह भी बताया कि राजभर की राजनीति सत्ता के चारों ओर घूमती रहती है, और ऐसा लगता है कि उन्हें अपनी बातों का कोई स्थिर और सच्चा विश्वास नहीं है।

राजनीति में ओम प्रकाश राजभर की भूमिका 

सलेमपुर के सांसद ने आगे कहा कि जब ओम प्रकाश राजभर सपा में थे, तो वह पार्टी के भीतर एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे थे, लेकिन भाजपा से जुड़ने के बाद उन्होंने पार्टी के सिद्धांतों और विचारधारा को अपनी सुविधानुसार बदलने का काम किया। उन्होंने इस स्थिति को राजनीति में ‘चालबाजी’ के रूप में देखा, जो कि आम जनता को भ्रमित कर सकती है।

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भाजपा और सपा के बीच ओम प्रकाश राजभर का पलायन

राजभर के भाजपा से जुड़ने और फिर सपा को निशाना बनाने को लेकर विपक्षी दलों में कई सवाल उठाए जा रहे हैं। उनकी इस राजनीति में बदलाव की वजह से यह भी सवाल खड़ा होता है कि क्या वह किसी स्थिर राजनीतिक नेतृत्व का अनुसरण कर रहे हैं, या फिर केवल अपनी व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण यह सब कर रहे हैं। सांसद रमाशंकर विद्यार्थी ने कहा कि उनका यह पलटवार केवल एक चुनावी रणनीति के तहत हो सकता है, ताकि वह सत्ता में बने रहें।

राजभर के लिए कहां है स्थिरता?

राजभर के बारे में एक और सवाल यह उठता है कि वह भाजपा और सपा दोनों ही दलों के साथ रहकर अपने राजनीतिक करियर को किस दिशा में ले जा रहे हैं। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि ओम प्रकाश राजभर सिर्फ सत्ता की खातिर राजनीति में पलटवार कर रहे हैं। वहीं, भाजपा और सपा दोनों ही पार्टियां उनकी भूमिका को लेकर असमंजस में हैं।

Location : 
  • Deoria

Published : 
  • 12 October 2025, 7:38 PM IST