

असम में भाजपा को बड़ा झटका लगा है, जब पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेन गोहेन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ 17 नेताओं ने भी भाजपा छोड़ दी। गोहेन ने इस्तीफे का कारण असम के लोगों से किए गए वादों को पूरा न करना है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेन गोहेन
Dispur: भारतीय जनता पार्टी को असम में एक बड़ा राजनीतिक झटका तब लगा, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेन गोहेन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही कुल 18 नेताओं ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया, जिनमें गोहेन के करीबी सहयोगी और पार्टी के अन्य नेता भी शामिल हैं। गोहेन ने इस कदम को लेकर भाजपा की नीतियों और असम के लोगों से किए गए वादों को अधूरा छोड़ने को जिम्मेदार ठहराया।
राजेन गोहेन ने अपने इस्तीफे के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा कि पार्टी ने असम के लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। गोहेन ने आरोप लगाया कि भाजपा ने स्थानीय समुदायों को धोखा दिया और बाहरी लोगों को राज्य में बसने की अनुमति दी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने उन वादों को भी नजरअंदाज किया जिनकी उम्मीद असम के लोगों को पार्टी से थी। यह आरोप असम के राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचाने वाला साबित हो सकता है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
राजेन गोहेन का राजनीतिक करियर भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है। वे 1999 से 2019 तक नागांव से सांसद रहे और 2016 से 2019 तक रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री के तौर पर कार्य किया। इसके अलावा वे भाजपा के असम प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। गोहेन के इस्तीफे के बाद भाजपा को राज्य में एक बड़ा झटका लग सकता है क्योंकि उनका राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापक प्रभाव है, खासकर चाय बागान क्षेत्र में।
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सूत्रों के मुताबिक, ज्यादातर इस्तीफा देने वाले नेता ऊपरी और मध्य असम से हैं, जो भाजपा के लिए महत्वपूर्ण चुनावी क्षेत्र माने जाते हैं। यह उन क्षेत्रों में भाजपा के लिए चुनावी संकट का कारण बन सकता है, जहां पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पहले से ही असम के स्थानीय मुद्दों को लेकर समस्याओं का सामना कर रहे थे। गोहेन और उनके सहयोगियों के इस्तीफे से पार्टी की स्थिति कमजोर हो सकती है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत।
असम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में तीसरी बार जीत की कोशिश कर रही है। गोहेन का इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका है, खासकर जब भाजपा राज्य में अपना दबदबा बनाए रखना चाहती है। इस इस्तीफे से भाजपा के सामने चुनावी रणनीति और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की नई चुनौती होगी।
राजेन गोहेन का इस्तीफा और अन्य नेताओं का साथ छोड़ना भाजपा की चुनावी रणनीति पर असर डाल सकता है। गोहेन की चाय बागान क्षेत्र में अच्छी पकड़ है, और उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा भाजपा के लिए एक बड़ी संपत्ति रही है। उनके इस्तीफे से भाजपा के लिए चुनावी मैदान में मुकाबला और कठिन हो सकता है, खासकर अगर और नेता उनका अनुसरण करते हैं।
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