

मानसून के मौसम में नैनीताल जिले के हल्द्वानी और आसपास के इलाकों में हुई अलग-अलग दुखद घटनाओं ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। तीन अलग-अलग स्थानों पर तीन महिलाओं की मौत हो गई, जिनमें से दो की जान सर्पदंश और एक की जान जहरीला पदार्थ गलती से पी लेने के कारण गई। इन घटनाओं से क्षेत्र में शोक की लहर है और लोग प्रशासन से राहत और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
मानसून में तीन महिलाओं की मौत,
Haldwani: मानसून के मौसम में नैनीताल जिले के हल्द्वानी और आसपास के इलाकों में हुई अलग-अलग दुखद घटनाओं ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। तीन अलग-अलग स्थानों पर तीन महिलाओं की मौत हो गई, जिनमें से दो की जान सर्पदंश और एक की जान जहरीला पदार्थ गलती से पी लेने के कारण गई। इन घटनाओं से क्षेत्र में शोक की लहर है और लोग प्रशासन से राहत और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
पहली घटना हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र के बरेली रोड स्थित खन्ना फार्म की है, जहां 54 वर्षीय ईश्वरी देवी ने घर में रखी दवाओं के बीच गलती से जहरीला पदार्थ पी लिया। ईश्वरी देवी लंबे समय से बीमार थीं और दवा लेने के लिए कमरे में गई थीं। वहीं पर अन्य दवाओं के साथ रखा जहरीला पदार्थ उन्होंने अनजाने में सेवन कर लिया। तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें तत्काल सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
दूसरी घटना ओखलकांडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत डालकन्या की है, जहां 17 वर्षीय मंजू बुंगियाल को खेत में चारा काटते समय सांप ने डस लिया। मंजू इंटर कॉलेज भोलपुर की कक्षा 11 की छात्रा थीं। सांप के डसते ही परिजनों ने उन्हें हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। घटना से गांव में गमगीन माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। वन विभाग द्वारा मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
तीसरी दर्दनाक घटना रानीखेत के विशालकोट गांव में हुई, जहां 35 वर्षीय ज्योत्सना देवी घर में खाना बनाते समय सांप के डंस का शिकार हो गईं। परिजनों ने उन्हें पहले अल्मोड़ा और फिर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी भी मृत्यु हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
तीनों घटनाएं मानसून के खतरे को उजागर करती हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गई है। स्थानीय प्रशासन से इन परिवारों को राहत पहुंचाने की अपील की जा रही है।