Stock Crash: IPO रेट से नीचे गिरा इस बैंक का का शेयर, 60% की गिरावट से निवेशकों में हड़कंप

Utkarsh Small Finance Bank को ₹239 करोड़ का तिमाही घाटा हुआ, जिससे स्टॉक 8% गिरकर ₹20.15 पर पहुंच गया। IPO प्राइस ₹25 से नीचे आ चुका स्टॉक अब 60% टूट चुका है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 4 August 2025, 1:14 PM IST
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New Delhi: Utkarsh Small Finance Bank के निवेशकों के लिए आज यानी 4 अगस्त का दिन किसी झटके से कम नहीं रहा। बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली और यह अपने IPO प्राइस ₹25 से नीचे आकर ₹20.15 पर बंद हुआ। ये वही स्टॉक है जो अगस्त 2023 में शेयर बाजार में लिस्ट हुआ था। सोमवार को आई लगभग 8% की गिरावट के पीछे बैंक के खराब तिमाही नतीजे और बिगड़ती एसेट क्वालिटी मानी जा रही है।

60% तक टूटा Utkarsh Bank का शेयर

ताजा तिमाही (Q1 FY26) के नतीजों में बैंक को ₹239 करोड़ का नेट घाटा हुआ है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में ₹137 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया गया था। यह भारी अंतर निवेशकों के बीच डर का कारण बना और बड़े पैमाने पर बिकवाली देखी गई। बैंक ने कहा कि उसने इस तिमाही में लोन डिस्ट्रिब्यूशन में कमी की है और प्राथमिकता वसूली (कलेक्शन) पर दी है। इस रणनीति के चलते बैंक का लोन बुक कमजोर हुई है, जिससे आय पर सीधा असर पड़ा है।

निवेशकों को 25 के IPO प्राइस पर भी हो रहा नुकसान

बैंक की एसेट क्वालिटी में भी तेज गिरावट देखने को मिली है। मार्च 2025 की तुलना में जून तिमाही में ग्रॉस एनपीए 9.4% से बढ़कर 11.4% हो गया, जबकि नेट एनपीए 4.8% से बढ़कर 5% तक पहुंच गया। सालाना तुलना करें तो जून 2024 में ग्रॉस एनपीए 2.8% और नेट एनपीए मात्र 0.3% था। एनपीए के बढ़ने से बैंक को अपने बैलेंस शीट में नुकसान को कवर करने के लिए ज्यादा प्रावधान (provisioning) करना पड़ा। मार्च में ₹223 करोड़ का प्रावधान किया गया था, जो इस तिमाही में बढ़कर ₹410 करोड़ तक पहुंच गया।

Utkarsh Bank IPO Failure

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

तिमाही घाटे और बिगड़ती एसेट क्वालिटी

बैंक का कुल लोन पोर्टफोलियो इस तिमाही के अंत में ₹19,224 करोड़ रहा, जो साल दर साल केवल 2.3% की बढ़ोतरी है। हालांकि, ग्रॉस लोन में सिक्योर्ड लोन का हिस्सा बढ़कर 35% से 45% हो गया है, जो जोखिम कम करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। निवेशकों के लिए चिंता की बात यह है कि शेयर अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर ₹51.36 से करीब 60% नीचे आ चुका है। 2025 की शुरुआत से अब तक शेयर ने 41% की गिरावट दर्ज की है।

इस गिरावट ने बाजार में निवेशकों की धारणा पर भी असर डाला है और अधिकांश खुदरा निवेशक नुकसान में फंसे नजर आ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बैंक को अपनी ग्रोथ रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। जब तक एसेट क्वालिटी में सुधार और स्थिर आय की तस्वीर नहीं बनती, तब तक इस स्टॉक में स्थिरता की उम्मीद कम है।

बाजार विश्लेषकों ने निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने और किसी भी नई पोजिशन से पहले कंपनी की अगली तिमाही रिपोर्ट का इंतजार करने की सलाह दी है।

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