

कोल्हुई क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही उपभोक्ताओं के लिए गंभीर समस्या बन चुकी है। स्थानीय निवासी रामप्रीत प्रजापति ने बताया कि कई बार महीनों तक बिजली बिल नहीं आता और फिर अचानक एकमुश्त तीन से चार महीने का भारी भरकम बिल थमा दिया जाता है।
विघुत उपकेंद्र
Maharajganj: कोल्हुई क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही उपभोक्ताओं के लिए गंभीर समस्या बन चुकी है। उपभोक्ताओं का कहना है कि विभाग द्वारा बिलिंग प्रक्रिया में अनियमितता बरती जा रही है, जिससे लोगों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। समय पर बिल न आना, अनुमानित खपत के आधार पर भारी भरकम राशि वसूलना और मनमाने तरीके से वसूली करना आम हो गया है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार स्थानीय निवासी रामप्रीत प्रजापति ने बताया कि कई बार महीनों तक बिजली बिल नहीं आता और फिर अचानक एकमुश्त तीन से चार महीने का भारी भरकम बिल थमा दिया जाता है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि बिजली विभाग बिना मीटर रीडिंग किए ही बिल तैयार कर रहा है, जिससे सही खपत की जानकारी नहीं मिलती और अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है।
ग्रामीण उपभोक्ताओं की परेशानी और भी अधिक है क्योंकि वहां पहले से ही बिजली आपूर्ति अनियमित है। ऐसी स्थिति में जब उन्हें बिल में गड़बड़ी झेलनी पड़ती है, तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर बड़ा असर पड़ता है। कई छोटे व्यापारी और किसान वर्ग इस मनमानी से परेशान होकर विभागीय अधिकारियों के पास शिकायतें दर्ज करा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
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इसके अलावा, उपभोक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ विभागीय कर्मचारी मीटर रीडिंग किए बिना ही मनमाने ढंग से बिल वसूलते हैं। कई मामलों में उपभोक्ताओं को कनेक्शन काटने की धमकी देकर अतिरिक्त पैसे मांगे गए हैं। इस तरह की घटनाओं से आम जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि बिजली विभाग पारदर्शी और बिलिंग प्रक्रिया लागू करे। साथ ही, मीटर रीडिंग नियमित रूप से होनी चाहिए और बिजली आपूर्ति को स्थिर किया जाए। लोगों का कहना है कि अगर समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
इस संबंध में जब जेई राकेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग उपभोक्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से ले रहा है। बिजली बिल की गड़बड़ियों को सुधारने के लिए विशेष कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को सलाह दी गई है कि वे अपनी शिकायतें दर्ज कराएं, दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।