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बाराबंकी जनपद के विकासखंड सिरौली गौसपुर में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक संगठन की मासिक बैठक आज तहसील स्थित डाक घर पर संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता तहसील अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा और ब्लॉक अध्यक्ष मुलायम यादव ने की।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक संगठन की मासिक बैठक सम्पन्न
Barabanki: बाराबंकी जनपद के विकासखंड सिरौली गौसपुर में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक संगठन की मासिक बैठक आज तहसील स्थित डाक घर पर संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता तहसील अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा और ब्लॉक अध्यक्ष मुलायम यादव ने की। बैठक में संगठन के सैकड़ों पदाधिकारी और किसान साथी मौजूद रहे।
बैठक के दौरान किसानों ने अपनी परेशानियों और समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। किसानों ने उपजिलाधिकारी को 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा, जिसमें प्रमुख मांगें खाद की उपलब्धता, बिजली कटौती, छुट्टा जानवरों से सुरक्षा, चिकित्सा सुविधाओं में सुधार और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना शामिल हैं।
किसानों ने बताया कि उन्हें समय पर खाद नहीं मिल रही है, और निजी दुकानदार मनमानी तरीके से खाद बेच रहे हैं। बिजली कटौती के दौरान भी बिल मनमानी तरीके से जारी किए जा रहे हैं, जिससे किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा छुट्टा जानवर खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे फसलों को भारी नुकसान हो रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बात करते हुए किसानों ने तहसील के सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीन की व्यवस्था कराने और बाहर से दवाइयों की कीमतों पर नियंत्रण की भी मांग की। किसानों ने तहसील क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार पर भी तुरंत कार्रवाई की मांग की।
बैठक में यह भी मांग की गई कि बदोसरॉय चौराहे से सफदरगंज रोड तक पटरी के किनारे लगे जंगल और झाड़ियों की साफ-सफाई, कटाई-छटाई करायी जाए, जिससे रास्ता साफ और सुरक्षित हो सके। साथ ही कई वर्षों से बंद पड़े कृषि उपसम्भागीय कार्यालय को पुनः चालू कराया जाए ताकि किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर 10 दिनों के अंदर संज्ञान नहीं लिया गया तो वह धरना प्रदर्शन समेत अन्य संगठित विरोध-प्रदर्शन करेगा।
बैठक में जिला मीडिया प्रभारी सतीश शर्मा, सोशल मीडिया प्रभारी विपिन वर्मा, तहसील अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष मुलायम यादव सहित अनेक किसान नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे।
यह बैठक किसानों की समस्याओं को लेकर एक मजबूत आवाज बनकर उभरी है और प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।