Maharajganj News: पीएम श्री योजना के स्कूल भवन निर्माण में अनियमितता, निलंबित शिक्षक पर कमियां छिपाने का आरोप

सिसवा के एक प्राथमिक विद्यालय में पीएम श्री योजना के तहत बने भवन में अनियमितता का खुलासा हुआ है। निलंबित शिक्षक की बिना अनुमति फिर से नियुक्ति पर सवाल उठे हैं। मामले की जांच लोक निर्माण विभाग और शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है।

Updated : 16 September 2025, 6:42 PM IST
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Maharajganj: प्रधानमंत्री श्री योजना के तहत शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल भवन निर्माण में पारदर्शिता बनाए रखने के दावों के बीच सिसवा नगरपालिका के चौधरी चरण सिंह वार्ड स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। 16.97 लाख रुपये की लागत से बन रहे दो मंजिला विद्यालय भवन के निर्माण में मानकों के विपरीत कार्य किए जाने का आरोप है। इस मामले में जांच के बाद एक शिक्षक को निलंबित किया गया था, लेकिन अब वह शिक्षक फिर से उसी स्कूल से जुड़ गया है, जिससे विवाद और बढ़ गया है।

सिसवा के प्राथमिक विद्यालय में निर्माण कार्य विवाद

मामला तब उजागर हुआ जब स्थानीय सभासद रघुवर यादव ने शिक्षा विभाग को लिखित शिकायत भेजी कि विद्यालय के निर्माण में गुणवत्ता और नियमों का पालन नहीं हो रहा है। शिकायत मिलने पर खंड शिक्षा अधिकारी बंशीधर सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पाण्डेय और निर्माण समन्वयक वीरेंद्र सिंह की संयुक्त टीम ने विद्यालय स्थल का निरीक्षण किया। जांच में कई निर्माण संबंधी खामियां पाई गईं, जिससे निर्माण कार्य को तत्काल रोक दिया गया। वहीं, निर्माण में लापरवाही के लिए संबंधित शिक्षक को निलंबित भी किया गया था।

हालांकि, मामला तभी और गंभीर हो गया जब निलंबित शिक्षक को विभागीय अनुमति के बिना फिर से उसी विद्यालय से संबद्ध कर दिया गया। इस शिक्षक पर आरोप है कि वह निर्माण स्थल पर तोड़-फोड़ कर निर्माण में पाई गई कमियों को छुपाने की कोशिश कर रहा है। इससे स्थानीय लोग और सभासद न केवल निराश हुए हैं, बल्कि यह सवाल भी उठा रहे हैं कि जब जांच में शिक्षक दोषी पाया गया हो तो उसे उसी स्थान पर क्यों लगाया गया।

स्थानीय सभासद रघुवर यादव ने इस मामले को लेकर सरकार और शिक्षा विभाग से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार से सरकारी योजनाओं का उद्देश्य पूरी तरह प्रभावित होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि दोषी शिक्षक को तत्काल हटाया जाए और निर्माण कार्य की पुनः जांच कराई जाए ताकि उचित गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।

निर्माण कार्य अगले आदेश तक पूरी तरह से रोका गया

बीईओ सिसवा बंशीधर सिंह ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेशानुसार निर्माण कार्य अगले आदेश तक पूरी तरह से रोक दिया गया है। जांच का जिम्मा लोक निर्माण विभाग (PWD) और घुघली के खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा गया है, जो इस मामले की गहराई से जांच कर रिपोर्ट देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

यह मामला सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और अनियमितता के गंभीर आरोपों को उजागर करता है। खासकर तब जब योजना का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और बेहतर आधारभूत संरचना सुनिश्चित करना हो। निर्माण कार्य में कमियों के बावजूद जिम्मेदार शिक्षक को वापस उसी कार्यस्थल पर नियुक्त करने की घटना ने जनता के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं और प्रशासन की निष्पक्षता पर भी शंका उत्पन्न की है।

आगामी दिनों में इस मामले की जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग और सरकार की ओर से क्या कार्रवाई होगी, यह देखने वाली बात होगी।

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