

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से घोषित पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) से मिली 90 दिन की छूट की समय सीमा अब समाप्ति की ओर बढ़ रही है।
निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से घोषित पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) से मिली 90 दिन की छूट की समय सीमा अब समाप्ति की ओर बढ़ रही है। इसकी डेडलाइन 9 जुलाई रखी गई है। ऐसे समय में भारत सरकार की ओर से एक बड़ा बयान सामने आया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि भारत अमेरिका के साथ एक बड़ा और शानदार व्यापार समझौता करना चाहता है, लेकिन यह कुछ अहम शर्तों पर आधारित होगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, सीतारमण ने कहा कि भारत के लिए एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर अत्यंत संवेदनशील हैं। इन क्षेत्रों पर अभी स्पष्ट सीमाएं लागू हैं और अमेरिका के साथ ट्रेड डील में इनका विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत व्यापक और स्थायी व्यापारिक रिश्ते चाहता है, लेकिन किसी भी समझौते से पहले घरेलू हितों की अनदेखी नहीं की जा सकती।
वित्त मंत्री ने अमेरिका की ओरसे भारत को दिए गए "टैरिफ किंग" टैग पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत में जो टैरिफ दरें लागू हैं, वे असल में जितनी दिखती हैं, उससे कहीं कम हैं। ये दरें संसद की मंजूरी के बाद राजपत्र में प्रकाशित होती हैं और WTO द्वारा निर्धारित सीमाओं से नीचे होती हैं। ऐसे में भारत को टैरिफ किंग कहना पूरी तरह अनुचित है।
सीतारमण का यह बयान उस समय आया है जब ट्रंप ने संकेत दिया कि India-US Trade Agreement की तस्वीर 8 जुलाई से पहले साफ हो सकती है। अमेरिका चाहता है कि इस समझौते के माध्यम से दोनों देशों के बीच व्यापार में मौजूद तमाम बाधाओं को दूर किया जाए। इसमें आईटी, ऑटोमोबाइल, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर शामिल हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की शर्तों पर अब सहमति बन चुकी है और इसे अंतिम रूप दिया जा चुका है। इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि भारत के लिए अमेरिका अपने दरवाजे खोलने जा रहा है और जल्द ही एक बड़ा समझौता हो सकता है। भारत की ओर से वित्त मंत्री का यह बयान यह स्पष्ट करता है कि भारत किसी भी डील के लिए तैयार है, लेकिन अपनी घरेलू नीतियों और सेक्टर्स की रक्षा प्राथमिकता में रहेगी।
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