

राज्य कर विभाग के मुख्य सचिव एम. देवराज ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गोरखपुर और कुशीनगर में तैनात तीन सहायक आयुक्तों को सचल दल के प्रभारी पद से हटा दिया है।
जीएसटी विभाग समाचार
लखनऊ: जीएसटी चोरी को लेकर उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार अब सख्त मोड में आ गई है। राज्य कर विभाग के मुख्य सचिव एम. देवराज ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गोरखपुर और कुशीनगर में तैनात तीन सहायक आयुक्तों को सचल दल के प्रभारी पद से हटा दिया है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद राजस्व वसूली में गिरावट पर नाराजगी जाहिर की थी और जीएसटी चोरी पर सख्ती के निर्देश दिए थे।
सचल दल, जो राज्य में मोबाइल इकाई के रूप में जीएसटी चोरी रोकने का जिम्मा संभालती है, उसमें तैनात अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरतने के कई मामले सामने आए। इन इकाइयों से अपेक्षा थी कि ये बड़े पैमाने पर हो रही टैक्स चोरी को पकड़ें, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहे। इसी के मद्देनज़र विभाग ने तीन अधिकारियों को उनके वर्तमान पदों से हटाकर टैक्स ऑडिट यूनिट्स में भेज दिया है।
रमेश कुमार पांडेय, सहायक आयुक्त (प्रभारी) सचल दल प्रथम इकाई, गोरखपुर से हटाकर वाराणसी प्रथम टैक्स ऑडिट में भेजे गए।
पुष्पराज चतुर्वेदी, प्रभारी द्वितीय इकाई, गोरखपुर को वाराणसी द्वितीय टैक्स ऑडिट में स्थानांतरित किया गया।
संदीप कुमार, प्रभारी, कुशीनगर इकाई को गोरखपुर टैक्स ऑडिट में तैनात किया गया।
राज्य कर विभाग की रिपोर्ट में पाया गया कि ये अधिकारी जीएसटी चोरी की सूचना होने के बावजूद प्रभावी कार्रवाई करने में विफल रहे। विभाग के प्रमुख सचिव को कई बार शिकायतें मिलीं कि सचल दल की सक्रियता केवल कागजों तक सीमित है। इन लापरवाहियों के कारण न सिर्फ राजस्व का नुकसान हुआ बल्कि सरकार की सख्ती के बावजूद टैक्स चोरी करने वालों के हौसले बुलंद रहे।
सूत्रों के अनुसार, सचल दल में तैनात अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी समीक्षा चल रही है। माना जा रहा है कि जांच के बाद कुछ और नामों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
प्रमुख सचिव देवराज खुद जोनवार समीक्षा कर रहे हैं और सीधे रिपोर्ट ले रहे हैं। सरकार की स्पष्ट मंशा है कि जीएसटी चोरी को पूरी तरह रोका जाए और राजस्व संग्रह में लक्ष्य हासिल किया जाए। इस कार्रवाई को विभागीय अधिकारियों के लिए कड़ा संदेश माना जा रहा है कि कर्तव्य में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।