

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐलान किया है कि एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन उम्मीदवार होंगे। तमिलनाडु से आने वाले राधाकृष्णन भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनका राजनीतिक अनुभव उपराष्ट्रपति पद के लिए उन्हें उपयुक्त बनाता है।
सीपी राधाकृष्णन (फोटो सोर्स गूगल)
New Delhi: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और तमिलनाडु के सक्रिय सांसद सीपी राधाकृष्णन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। पेशे से वकील राधाकृष्णन ने अपनी राजनीतिक यात्रा 1991 से शुरू की, और तमिलनाडु के कन्याकुमारी एवं नागरकोइल क्षेत्रों से लगातार कई लोकसभा चुनाव लड़े हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं उनके करियर और चुनावी इतिहास के बारे।
राधाकृष्णन ने 1991 से नागरकोइल निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन शुरुआती चार चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 1999 के लोकसभा चुनाव में वे विजयी हुए और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद 2014 में कन्याकुमारी संसदीय क्षेत्र से 16वीं लोकसभा के लिए सफलतापूर्वक चुने गए। 2017 में उन्हें वित्त राज्य मंत्री और जहाजरानी राज्य मंत्री के पद पर नियुक्त किया गया। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी हरिकृष्णन वसंतकुमार से हार का सामना करना पड़ा।
उपराष्ट्रपति चुनाव पर बड़ी खबर
➡️सीपी राधाकृष्णन होंगे एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार
➡️पीएम मोदी की उपस्थिति में सर्वसम्मति से लिया गया फैसला
➡️महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं सीपी राधाकृष्णन#vicepresidentelection pic.twitter.com/ij5WqmEDLU— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 17, 2025
राधाकृष्णन का पूरा नाम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन है। 1 मार्च 1952 (उम्र 73 वर्ष) को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में हुआ था। पेशे से डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन वकील है। उनके पिता जी का नाम पोनियाह अय्यप्पन है। उनकी माता का नाम श्रीमती थांगा कानी है। उनकी कुल संपत्ति की बात करें तो 7.5 करोड़ उनकी कुल संमत्ति है।
राधाकृष्णन तमिलनाडु के एकमात्र भाजपा सांसद रह चुके हैं। वित्त राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने 2018 में 11,703 करोड़ रुपये के 67 विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) प्रस्तावों को मंजूरी दी। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को 15 लाख रुपये की सीमा के तहत एक से अधिक बैंक खाता खोलने की सुविधा भी दी।
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