सपा विधायक जाहिद बेग की पत्नी को जिस माले में जाना पड़ा जेल, उस पर अब आया इलाहबाद हाईकोर्ट का फैसला; जानिए क्या हुआ केस में

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस वक्त एक मामला तेजी से सुर्खियों में है। समाजवादी पार्टी के भदोही से विधायक जाहिद बेग का नाम नाबालिग नौकरानी की संदिग्ध मौत, बाल मजदूरी और बंधुआ श्रम जैसे गंभीर आरोपों से जुड़ चुका है। यह कोई आम केस नहीं, बल्कि एक राजनीतिक रसूखदार परिवार के घर से निकला एक ऐसा सच है जो सिर्फ मौत की चुप्पी से उजागर हुआ। इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं इस पूरे मामले की तह तक – कब, कैसे और क्यों सपा विधायक को प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचना पड़ा, और अब किस पर कसा जा रहा है शिकंजा।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 10 July 2025, 5:10 PM IST
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Lucknow:  उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस वक्त एक मामला तेजी से सुर्खियों में है। समाजवादी पार्टी के भदोही से विधायक जाहिद बेग का नाम नाबालिग नौकरानी की संदिग्ध मौत, बाल मजदूरी और बंधुआ श्रम जैसे गंभीर आरोपों से जुड़ चुका है। यह कोई आम केस नहीं, बल्कि एक राजनीतिक रसूखदार परिवार के घर से निकला एक ऐसा सच है जो सिर्फ मौत की चुप्पी से उजागर हुआ। इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं इस पूरे मामले की तह तक – कब, कैसे और क्यों सपा विधायक को प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचना पड़ा, और अब किस पर कसा जा रहा है शिकंजा।

कब हुआ पूरा मामला

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  घटना की शुरुआत भदोही के मलिकाना मोहल्ले से हुई, जब सपा विधायक जाहिद बेग के आवास पर एक नाबालिग घरेलू सहायिका का शव फंदे से लटका मिला। शुरुआती जांच में यह आत्महत्या जैसा मामला लगा, लेकिन पुलिस और श्रम विभाग की टीम को शक था कि यहां सिर्फ एक मौत नहीं, एक पूरा शोषण तंत्र छिपा है।

एक नहीं, दो कहानियां 

जैसे ही पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई, विधायक के घर से एक और नाबालिग लड़की को मुक्त कराया गया। उसने जो बयान दिया, वो चौंकाने वाला था। नाबालिग लड़की ने बयान दिया था कि, "मैं वहां जबरन काम कर रही थी, रोजाना मानसिक दबाव था, बाहर जाने की इजाजत नहीं थी।" क्या यह अकेली घटना थी या कोई बड़ा नेटवर्क? सवाल गंभीर हैं।

रसूख नहीं, कानून बोला

13 सितंबर 2024, श्रम प्रवर्तन अधिकारी जय प्रकाश सिंह की तहरीर पर विधायक जाहिद बेग, उनकी पत्नी सीमा बेग और बेटे जईम बेग पर बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में FIR दर्ज हुई। इसमें साफ मालूम चल रहा था कि घरेलू नौकर के रूप में नाबालिग बच्चों को अवैध रूप से काम पर रखा गया, मानसिक उत्पीड़न किया गया और एक की जान भी चली गई।

गिरफ्तारी और राजनीतिक भूचाल

जाहिद बेग ने 19 सितंबर को कोर्ट में सरेंडर किया और नैनी जेल भेज दिए गए। बेटा जईम बेग भी गिरफ्तार होकर वाराणसी जेल में है। पत्नी सीमा बेग तब से फरार रहीं, जिनकी संपत्ति कुर्क भी हुई। अब जाकर 7 जुलाई 2025 को हाईकोर्ट ने सीमा बेग की अग्रिम जमानत मंजूर की, लेकिन ये राहत सिर्फ अस्थायी है।

एक्सक्लूसिव एंगल: क्या ये सिर्फ एक घर की बात है?

जांच एजेंसियों को शक है कि इस मामले में सिर्फ एक नौकरानी की मौत नहीं, बल्कि एक संगठित बाल श्रम नेटवर्क का सिरा मिला है। विधायक के रसूख का इस्तेमाल कर बच्चियों को नौकरी के नाम पर घर लाया जाता, और वर्षों तक उनसे काम लिया जाता। क्या सिर्फ भदोही ही नहीं, आसपास के जिलों में भी फैला है यह जाल? EOW और पुलिस की संयुक्त जांच अब इसी एंगल से गहराई से जांच कर रही है।

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