

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में जबरदस्त बहस छिड़ी। सरकार ने इसे ऐतिहासिक सफलता बताया, वहीं विपक्ष ने सवालों की बौछार कर दी। जयशंकर और राजनाथ सिंह ने कूटनीति और सैन्य कार्रवाई की सफलता को गिनाया। क्या विपक्ष की शंकाएं शांत होंगी या बहस और तेज़ होगी?
विदेश मंत्री एस. जयशंकर (सोर्स इंटरनेट)
New Delhi: लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त बहस देखने को मिली। विपक्ष ने सरकार पर तीखे सवाल दागे, लेकिन सरकार ने हर आरोप का जवाब तथ्यों और मजबूती से दिया।
सूत्रों के अनुसार, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष, खासकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “उन्होंने हमेशा यह पूछा कि हमारे कितने विमान पाकिस्तान ने गिराए, कभी यह नहीं पूछा कि हमने दुश्मन के कितने विमान गिराए।” राजनाथ ने स्पष्ट किया कि विपक्ष को सवाल पूछने का हक है, लेकिन राष्ट्रीय हित के दायरे में। उन्होंने कहा, “विपक्ष को पूछना चाहिए था कि क्या भारत ने आतंकी ठिकानों को तबाह किया? जवाब है- हां। क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा? जवाब है- हां।” उन्होंने यह भी कहा कि जब उद्देश्य बड़ा हो, तो छोटे मुद्दों में उलझना नहीं चाहिए। राजनाथ के भाषण ने विपक्ष को बचाव की मुद्रा में ला दिया।
इसके बाद विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने विस्तार से बताया कि कैसे भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया। उन्होंने बताया कि भारत उस समय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का सदस्य नहीं था, जबकि पाकिस्तान सदस्य था। बावजूद इसके, भारत ने दो प्रमुख लक्ष्य तय किए पहला सुरक्षा परिषद से जवाबदेही की मांग और दूसरा आतंकियों को न्याय के कटघरे में लाना।
जयशंकर ने आगे कहा, “25 अप्रैल के UNSC बयान को देखें तो यह हमारी कूटनीतिक जीत है। परिषद ने इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की, और इसे अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा बताया।” उन्होंने बताया कि परिषद ने हमले के दोषियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और मददगारों को सजा दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस बहस से यह साफ है कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर को राष्ट्रीय सुरक्षा की बड़ी उपलब्धि मानती है और उसकी कूटनीति ने दुनिया को भारत के पक्ष में खड़ा किया। वहीं विपक्ष इस पर अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ "जीरो टॉलरेंस" की नीति पर कायम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश का हर नागरिक चाहे देश में हो या विदेश में, उसकी सुरक्षा भारत की प्राथमिकता है। जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इस सिद्धांत का प्रत्यक्ष उदाहरण है, जिसमें भारत ने सटीक और निर्णायक कार्रवाई की। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत आतंक के खिलाफ न सिर्फ बयान देता है, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटता।
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