

दिल्ली में डीयू, जेएनयू, जामिया और IIT जैसे संस्थानों के छात्रों के लिए यू-स्पेशल बस सेवा दोबारा शुरू हो रही है। सफर आसान बनाने के लिए 25 रूट तय किए गए हैं। अब बस में एंट्री पास से ही संभव होगी।
दिल्ली में फिर दौड़ेंगी यू-स्पेशल बसें
New Delhi: दिल्ली के कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए हर रोज का सफर कई बार परेशानी का सबब बन जाता है। खासतौर पर आउटर दिल्ली, यमुनापार और दूर-दराज के इलाकों से डीयू (दिल्ली यूनिवर्सिटी) के नॉर्थ और साउथ कैंपस आने वाले छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए यू-स्पेशल बस सेवा एक बार फिर से शुरू की जा रही है, जो छात्रों के लिए राहत लेकर आएगी।
इस बार यू-स्पेशल बसों का दायरा सिर्फ दिल्ली यूनिवर्सिटी तक सीमित नहीं रहेगा। दिल्ली सरकार और डीटीसी (दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) की योजना के अनुसार अब ये बसें जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT Delhi) और जामिया मिलिया इस्लामिया तक भी चलाई जाएंगी। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इस सेवा का लाभ देना है।
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एक और बड़ी सुविधा यह होगी कि कैंपस के अंदर भी बसें सर्कुलर रूट पर चलाई जाएंगी। यानी मेट्रो स्टेशन से कॉलेज और फिर मार्केट या हॉस्टल तक की कनेक्टिविटी भी यू-स्पेशल बसें मुहैया कराएंगी। इससे छात्रों को ऑटो या दूसरी परिवहन सेवाओं पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
डीटीसी ने फिलहाल 25 प्रमुख रूट तय किए हैं जिन पर यू-स्पेशल बसें चलाई जाएंगी। इन रूट्स को इस तरह डिजाइन किया गया है कि दिल्ली के हर कोने से आने वाले छात्रों को कवर किया जा सके। इन बसों में 9 मीटर और 12 मीटर लंबाई की बसें शामिल होंगी, ताकि क्षमता के अनुसार ज्यादा छात्रों को एक साथ सफर की सुविधा मिल सके।
यू-स्पेशल बसों में अब सिर्फ कॉलेज आईडी कार्ड दिखाकर सफर करना संभव नहीं होगा। छात्रों को इन बसों में चढ़ने के लिए एक विशेष पास बनवाना अनिवार्य किया गया है। बिना पास के किसी को भी एंट्री नहीं मिलेगी। यह नियम इसलिए लागू किया गया है ताकि यह सुविधा केवल वास्तविक छात्रों के लिए आरक्षित रहे और बाहरी लोग इसका गलत उपयोग न कर सकें।
इन बसों का संचालन सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 5 या 6 बजे तक जारी रहेगा। समय का निर्धारण कॉलेजों के क्लास शेड्यूल को ध्यान में रखते हुए किया गया है ताकि छात्रों को ज्यादा इंतजार न करना पड़े। जरूरत पड़ने पर रूट और समय में बदलाव भी किया जाएगा।
छात्रों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए यू-स्पेशल बसों की अलग पहचान बनाई जाएगी। इन बसों पर विशेष चिन्ह या रंग कोडिंग होगी जिससे छात्र तुरंत समझ सकें कि यह यू-स्पेशल बस है। इससे कंफ्यूजन नहीं होगा और सफर आसान रहेगा।