

नेपाल में हाल ही में हुए Gen Z के विरोध प्रदर्शनों के बाद भारत में भी Gen Z शब्द चर्चा में छाया हुआ है। इस रिपोर्ट में जानिये क्या है इसके पीछे की वजह।
भारत में जेन-जी की चर्चाएं पकड़ने लगी जोर
New Delhi: Gen Z जनरेशन पिछले कुछ दिनों में काफी चर्चा में रही है। चाहे बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हुए प्रदर्शन हों, या नेपाल में सोशल मीडिया बैन को लेकर जेन-ज़ी क्रांति हो, आज के समय में युवा अपनी बात मनवाने के लिए सड़कों पर उतरने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि अब राजनीतिक नेता भी उनकी ताकत का हल्ला मान रहे हैं।
लोकसभ में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद राहुल गांधी ने कल यानि 18 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “देश के Yuva देश के Students देश की Gen Z संविधान को बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे। मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं। जय हिंद!”
देश के Yuva
देश के Students
देश की Gen Z
संविधान को बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे।मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं।
जय हिंद! pic.twitter.com/cLK6Tv6RpS
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 18, 2025
उनके इस ट्वीट के बाद चारों तरफ इसकी चर्चा होने लगी। अब तक राहुल के इस पोस्ट को 2 मिलियन लोग देख चुके हैं। सत्तारुढ़ दल भाजपा के नेता और मंत्री Gen Z पर उनके बयान को लेकर राहुल को घेर रहे हैं। पक्ष-विपक्ष के नेता के साथ-साथ आम लोग भी अपने-अपने विचारों के हिसाब से इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
इससे पहले भी राहुल ने भारत के युवाओं, विशेषकर Gen-Z वर्ग की सराहना की है। उन्होंने इस वर्ग को लोकतंत्र और संविधान का सच्चा रक्षक बताया है।
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पूरे दक्षिण-एशिया में युवा-नेतृत्व वाले आंदोलनों की जैसे एक लहर चल रही है, जिसने नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों में पहले ही सरकारों को झुकने पर मजबूर कर दिया है। कांग्रेस नेता के इस पोस्ट के बाद से राजनीतिक गलियारों में सियासत तेज़ हो गई है।
य़ूं भी इन दिनों राहुल गांधी बिहार चुनाव को लेकर काफी एक्टिव हैं। चुनाव आयोग को लगातार ‘वोट चोरी’ के मामले पर घेर रहे हैं। कल ही उन्होंने एक प्रेस कान्फ्रेंस की थी। इस कांफ्रेंस के बाद ही उन्होंने Gen Z वाला पोस्ट शेयर किया। राहुल गांधी की इस पोस्ट को 2025 और 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले युवाओं के साथ जुड़ने की उनकी व्यापक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी
राहुल गांधी का यह बयान आते ही वायरल हो गया। उनके इस बयान पर लगातार अन्य पार्टियों के नेताओं के जवाब आ रहे हैं। जैसे ही यह बयान आया, बीजेपी ने इस पर पलटवार करना शुरू कर दिया। बीजेपी का कहना है कि एक तरफ राहुल गांधी खुद को संविधान और लोकतंत्र के रक्षक के तौर पर पेश करते हैं, लेकिन जब देश में बदलाव की बात आती है तो वह संवैधानिक तरीका (चुनाव) छोड़, नेपाल के Gen Z आंदोलन की तरह सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने की बात करते हैं।
देश की अधिकतर आबादी युवा है जिनमें से 15-25 साल के लोगों का वर्ग काफी बड़ा है। इसलिए देश की नीतियों को बनाने और बदलने में इस वर्ग का खास ख्याल भी रखा जाता है। इस जनरेशन के युवा न केवल अपनी लाइफ से जुड़े फैसले लेने में बेहद चूज़ी होते हैं, बल्कि देश की सत्ता किस के हाथ में देनी है, इसे लेकर भी वे बेहद सावधानीपूर्वक विचार करते हैं।
Gen Z के युवा इंटरनेट और स्मार्टफ़ोन के साथ ही बड़े हुए हैं। वे WhatsApp, Instagram, X, Facebook और YouTube जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर बेहद सक्रिय रहते हैं और यहीं से देश से जुड़ी हर खबर से जुड़े होते हैं। इसलिए राजनीति हो या रणनीति, इस जनरेशन को अनदेखा करके, राष्ट्रीय स्तर भी कोई भी फैसला करना संभव नहीं है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि जब राजनीतिक नेता, जैसे राहुल गांधी, Gen Z को लोकतंत्र का रक्षक बता रहे हैं, तो यह दर्शाता है कि राजनीतिक दल भी इस पीढ़ी के महत्व को समझ रहे हैं। भारत का Gen Z सिर्फ़ एक डेमोग्राफिक ग्रुप नहीं है, बल्कि एक शक्तिशाली सामाजिक-आर्थिक शक्ति है जो अपने विचारों, आदतों और तकनीक के इस्तेमाल से देश को आकार दे रही है।