आखिर कौन होगा हकदार? विमान हादसे के मलबे से मिला लाखों का सोना और कैश

हादसे के बाद जले हुए विमान के मलबे से इकट्ठा किये गए सामान का कौन हकदार होगा? जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 19 June 2025, 5:00 PM IST
google-preferred

अहमदाबाद: हाल ही में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हादसे में जहां विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई, वहीं जमीन पर भी पांच एमबीबीएस छात्रों समेत कुल 29 लोगों की जान चली गई। हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य के दौरान मलबे से कई चौंकाने वाली चीजें बरामद हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा ध्यान खींचा है उस कीमती सामान ने जो हादसे के बाद जले हुए विमान के मलबे से इकट्ठा किया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के अनुसार, स्थानीय ग्रामीणों और राहत टीम को दुर्घटनास्थल से लगभग 800 ग्राम सोना, लगभग 50,000 रुपये नकद और कुछ अमेरिकी डॉलर मिले हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि बरामद की गई संपत्ति की कुल कीमत करीब 80 लाख रुपये तक हो सकती है।

ईमानदारी की सराहना

राहत कार्य में शामिल एक स्थानीय व्यक्ति, पटेल ने बताया कि हादसे के बाद जब वह राहत और बचाव में जुटे थे, तो उन्होंने विमान के मलबे से लगभग 70 तोले सोने के गहने, नगदी और विदेशी मुद्रा को एकत्र किया। उन्होंने पूरी ईमानदारी दिखाते हुए इस पूरी संपत्ति को तुरंत स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया। पटेल की ईमानदारी की सराहना हर ओर हो रही है।

कौन होगा हकदार?

अब सवाल यह उठ रहा है कि यह कीमती सामान किसका है और आखिर इसका हकदार कौन होगा? कानून के जानकारों का कहना है कि बरामद किए गए गहने और पैसे उन मृत यात्रियों या ज़मीनी पीड़ितों के हो सकते हैं, जो हादसे में मारे गए।

फुटेज से पता लगाने की कोशिश

इस मामले में जांच एजेंसियां और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि यह गहने और नकदी किस यात्री के थे। डीएनए टेस्ट, पासपोर्ट नंबर, टिकट बुकिंग, और दुर्घटना से पहले के फुटेज और लापता सामान की सूची से इस बात की पुष्टि की जाएगी।

ईमानदारी और सेवा की भावना

अगर किसी का अधिकार सिद्ध नहीं होता है तो यह सम्पत्ति सरकारी कोष में जमा कर दी जाएगी या कोर्ट के आदेश के अनुसार इस्तेमाल की जाएगी। इस हादसे में जहां सैकड़ों लोगों की जान गई, वहीं कुछ लोग मानवता की मिसाल भी बन गए। ऐसे हादसे यह दिखाते हैं कि संकट के समय में भी ईमानदारी और सेवा की भावना जीवित रहती है।

 

Location : 

Published :