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दिल्ली में ठंड ने दस्तक दे दी है और तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं, हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार के बावजूद प्रदूषण ‘खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। मौसम विभाग ने गुरुवार को बूंदाबांदी और हल्के कोहरे की संभावना जताई है।
दिल्ली में एयर क्वालिटी अब भी खराब स्तर पर
New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौसम का मिजाज बदल चुका है। अक्टूबर के अंत के साथ ही ठंड ने दस्तक दे दी है। सुबह और शाम की ठंडक ने लोगों को एहतियात बरतने पर मजबूर कर दिया है। तापमान में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, जबकि दिन के समय भी हल्की ठंडक महसूस की जा रही है।
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इससे तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। फिलहाल राजधानी की हवा में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन प्रदूषण अभी भी चिंताजनक स्तर पर बना हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 279 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। मंगलवार को यह आंकड़ा 294 था, जबकि सोमवार को 301 रहा था, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में गिना जाता है।
प्रदूषण ने बढ़ाई परेशानी
दिल्ली के 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 19 केंद्रों पर AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि 31 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी रहेगी। वहीं 1 नवंबर को हवा और बिगड़ सकती है और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकती है।
मौसम विभाग ने बताया कि गुरुवार को दिल्ली में हल्का कोहरा छाया रह सकता है। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे सुबह-सुबह ठंडक का असर और बढ़ गया है। लोग अब गर्म कपड़ों का सहारा लेने लगे हैं।
Weather Update: दिल्ली-NCR में सुबह-शाम टहलना बना खतरा, हवा फिर हुई जहरीली; जानें कितना पहुंचा AQI?
प्रदूषण के कारण राजधानी की हवा जहरीली बनी हुई है। कई इलाकों में स्मॉग और धुंध के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। आईएमडी और सीपीसीबी के संयुक्त प्रयास से क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश की कोशिश की गई, लेकिन बारिश नहीं होने से राहत नहीं मिल सकी।
उधर, चक्रवाती तूफान मोंथा का असर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों में देखने को मिला है। तूफान कमजोर होकर गहरे दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया है, लेकिन अब भी दक्षिणी जिलों में बारिश और भूस्खलन से नुकसान जारी है। कई जगहों पर सड़कें, पुल और मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
आंध्र प्रदेश के कोनासीमा जिले में 300 से अधिक बिजली के खंभे उखड़ गए, हालांकि 80 प्रतिशत मरम्मत कार्य पूरा कर लिया गया है। तूफान की तीव्रता कम होने के बावजूद कुछ जिलों में बिजली और परिवहन सेवाएं प्रभावित हैं।