

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। निर्वाचन आयोग की तैयारियों से स्पष्ट है कि देश को जल्द ही नया उपराष्ट्रपति मिलने वाला है। यह चुनाव न केवल संवैधानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि लोकतंत्र की प्रक्रियाएं तय समय और पारदर्शिता के साथ चल रही हैं। अब निगाहें चुनाव की तारीख और प्रत्याशियों की घोषणा पर टिकी हैं।
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New Delhi: देश के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। निर्वाचन आयोग ने इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए होने वाले चुनाव को लेकर निर्वाचक मंडल की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। अब बस चुनाव आयोग द्वारा तिथि की आधिकारिक घोषणा बाकी है, जो कभी भी की जा सकती है।
संविधान के प्रावधानों के तहत होता है चुनाव
भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत, उपराष्ट्रपति का चुनाव भारत निर्वाचन आयोग की देखरेख में कराया जाता है। वहीं अनुच्छेद 66(1) के अनुसार उपराष्ट्रपति का निर्वाचन एक विशेष निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। जिसमें तीन तरह के सांसद शामिल होते हैं।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस चुनाव में विधानसभाओं के सदस्य भाग नहीं लेते, जैसा कि राष्ट्रपति चुनाव में होता है। उपराष्ट्रपति चुनाव पूरी तरह से संसद सदस्यों द्वारा ही संपन्न होता है।
निर्वाचक मंडल की सूची तैयार
चुनाव आयोग ने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए निर्वाचक मंडल की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह सूची भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा संविधान के अनुच्छेद 324 और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के नियम 40 के अंतर्गत तैयार की गई है।
इसमें सांसदों को उनके नामों के वर्णमाला क्रम में, उनके संबंधित सदन (लोकसभा/राज्यसभा) और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के आधार पर सूचीबद्ध किया गया है। सभी सदस्यों को उनकी नवीनतम सूचना और पते सहित सूचीबद्ध किया गया है, ताकि वोटिंग प्रक्रिया में कोई भ्रम न हो।
चुनाव आयोग जल्द करेगा अधिसूचना जारी
निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी है कि निर्वाचक मंडल की यह सूची आयोग कार्यालय में उपलब्ध होगी और अधिसूचना जारी होने के बाद इसे खरीदने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। यह सूची उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने वाले सभी सांसदों और संबंधित राजनीतिक दलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज होगी।
मतदान प्रक्रिया और नियम
राजनीतिक हलचल तेज, उम्मीदवारों के नामों पर मंथन जारी
हालांकि निर्वाचन आयोग की ओर से तिथि की घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन राजनीतिक दलों में संभावित उम्मीदवारों के नामों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस संवैधानिक पद के लिए ऐसे चेहरे की तलाश में हैं, जो राजनीतिक रूप से सशक्त और राष्ट्र स्तर पर स्वीकार्य हो।