

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मिलकर उपराष्ट्रपति पद के लिए बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार घोषित किया है। आज 11:30 बजे वे अपना नामांकन दाखिल करेंगे। एनडीए पहले ही सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बना चुका है। चुनाव 9 सितंबर को होंगे और इसे लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
बी.सुदर्शन रेड्डी ने किया नामांकन
New Delhi: 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने मिलकर बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। रेड्डी ने आज 21 अगस्त को सुबह संसद भवन में नामांकन दाखिल कर दिया। यह नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है। रेड्डी का मुकाबला अब सीधे तौर पर एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा, जिन्होंने बुधवार को ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।
विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता रहें मौजूद
इस मौके पर विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। नामांकन पत्रों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा और सपा नेता रामगोपाल यादव सहित करीब 80 सांसदों के हस्ताक्षर किए गए हैं, जो विपक्ष की एकजुटता को दर्शाता है।
"यह विचारधारा की लड़ाई है"
नामांकन से पहले मीडिया से बात करते हुए बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा संख्याएं मायने रखती हैं… बेशक, लेकिन मुझे उम्मीद है। चूंकि मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं हूं, इसलिए मुझे विश्वास है कि सभी मेरा समर्थन करेंगे। यह सिर्फ एक चुनाव नहीं, विचारधारा की लड़ाई है। रेड्डी ने खुद को एक गैर-राजनीतिक उम्मीदवार बताते हुए उम्मीद जताई कि उन्हें पारदर्शिता, निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों के आधार पर समर्थन मिलेगा।
NDA की तरफ से मैदान में हैं सीपी राधाकृष्णन
बीजेपी और एनडीए ने पहले ही अपने उम्मीदवार के रूप में सीपी राधाकृष्णन को नामित किया है। वे तमिलनाडु से भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और लंबे समय से पार्टी में संगठनात्मक भूमिका निभा चुके हैं। उनका नामांकन दाखिल हो चुका है और वे बीजेपी के लिए एक सुरक्षित उम्मीदवार माने जा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस बार दोनों ही उम्मीदवार रेड्डी और राधाकृष्णन दक्षिण भारत से हैं, जिससे यह साफ है कि दक्षिण भारत अब राष्ट्रीय राजनीति का अहम केंद्र बनता जा रहा है।
9 सितंबर को होगा मतदान
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 सितंबर 2025 को वोटिंग होगी। उसी दिन गिनती और परिणाम की घोषणा भी कर दी जाएगी। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 25 अगस्त है, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं लगता कि कोई भी उम्मीदवार पीछे हटेगा। कांग्रेस और विपक्ष ने साफ संकेत दिया है कि वे इस चुनाव को सिर्फ संख्या के लिहाज से नहीं देख रहे, बल्कि इसे लोकतांत्रिक संघर्ष का हिस्सा मानते हुए पूरा दमखम लगा रहे हैं।