उन्नाव रेप केस में नया मोड़: कुलदीप सेंगर की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, अब आगे क्या?

उन्नाव रेप केस में दोषी करार दिए गए बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में हाई कोर्ट के आदेश को कानूनी रूप से गलत बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 25 December 2025, 12:02 PM IST

Unnao: उन्नाव रेप केस में दोषी ठहराए जा चुके बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली जमानत अब कानूनी बहस का बड़ा मुद्दा बन गई हैहाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें जमानत आदेश को रद्द करने की मांग की गई हैयह याचिका अधिवक्ता अंजले पटेल द्वारा दाखिल की गई है, जो इस मामले में प्रत्यक्ष रूप से किसी भी पक्ष से जुड़े नहीं हैं

याचिका में क्या कहा गया

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले कोकानूनी रूप से त्रुटिपूर्णबताया गया हैयाचिकाकर्ता का कहना है कि इतने गंभीर अपराध में दोषी ठहराए गए व्यक्ति को जमानत देना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ हैखास बात यह है कि इस मामले में सीबीआई और पीड़िता, दोनों पहले ही हाई कोर्ट के जमानत आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती देने की मंशा जाहिर कर चुके हैं

कब और कैसे मिली जमानत

23 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने कुलदीप सिंह सेंगर की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी उम्रकैद की सजा को अपील लंबित रहने तक निलंबित कर दिया थाइसके साथ ही उन्हें जमानत भी दी गईयह जमानत 15 लाख रुपये के मुचलके पर सशर्त दी गई है

जमानत की सख्त शर्तें

हाई कोर्ट ने जमानत देते समय कई सख्त शर्तें लगाई थींआदेश के अनुसार, कुलदीप सेंगर को पीड़िता से कम से कम 5 किलोमीटर की दूरी बनाए रखनी होगीइसके अलावा, उन्हें हर सोमवार संबंधित पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करना अनिवार्य हैदेश छोड़कर भागने की आशंका को देखते हुए कोर्ट ने उन्हें अपना पासपोर्ट और अन्य यात्रा संबंधी दस्तावेज प्राधिकरण के पास जमा कराने का निर्देश दिया हैकोर्ट ने साफ कहा था कि किसी भी शर्त के उल्लंघन पर जमानत तत्काल रद्द कर दी जाएगी

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क्या है उन्नाव रेप केस का पूरा मामला

उन्नाव रेप केस वर्ष 2017 में सामने आया और जल्द ही यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बन गयाआरोप है कि 4 जून 2017 को पीड़िता नौकरी की मांग को लेकर कुलदीप सेंगर के पास गई थीइसके बाद 11 जून को वह लापता हो गईपरिजनों की शिकायत पर 20 जून को पीड़िता औरैया के एक गांव से बरामद की गई

FIR से लेकर आत्मदाह की कोशिश

3 जुलाई 2017 को पीड़िता ने कुलदीप सेंगर और उसके भाई अतुल सिंह के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराने की मांग कीआरोप है कि दबाव और धमकियों के बीच 8 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थीइसी दौरान मारपीट में गंभीर रूप से घायल हुए पीड़िता के पिता की बाद में मौत हो गई

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सीबीआई जांच और सजा

मामले की गंभीरता को देखते हुए 12 अप्रैल 2018 को केस सीबीआई को सौंपा गयाविस्तृत जांच और चार्जशीट के बाद अदालत ने 16 दिसंबर 2019 को कुलदीप सिंह सेंगर को अपहरण और बलात्कार का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थीसेंगर ने इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां से उन्हें हाल ही में जमानत मिली

सुप्रीम कोर्ट का फैसला अहम

अब सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के बाद इस संवेदनशील मामले में एक बार फिर कानूनी लड़ाई तेज हो गई हैशीर्ष अदालत का फैसलाकेवल इस केस के भविष्य को तय करेगा, बल्कि गंभीर अपराधों में जमानत से जुड़े मानकों पर भी असर डाल सकता है

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 25 December 2025, 12:02 PM IST