ट्रंप के टैरिफ से 5 दिनों में 2.24 लाख करोड़ का नुकसान, भारतीय निवेशकों की उड़ी नींद, अब क्या होगा?

बीते सप्ताह भारतीय शेयर बाजार पर डोनाल्ड ट्रंप के 25% अतिरिक्त टैरिफ का गहरा असर पड़ा। बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। जिससे सेंसेक्स की टॉप-10 कंपनियों में से 8 को संयुक्त रूप से 2.24 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 31 August 2025, 4:44 PM IST
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New Delhi: भारतीय शेयर बाजार के लिए बीता सप्ताह भारी गिरावट और निराशा से भरा रहा। इसका प्रमुख कारण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 27 अगस्त से भारत पर लागू 25% अतिरिक्त टैरिफ रहा। जिससे भारत पर कुल प्रभावी टैरिफ 50% तक पहुंच गया। इस अप्रत्याशित फैसले से निवेशकों में घबराहट फैल गई और बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखी गई।

8 कंपनियों को 2.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

सेंसेक्स में कुल 1,497.2 अंकों यानी 1.84% की गिरावट दर्ज की गई। इसका सबसे अधिक असर भारत की टॉप कंपनियों के मार्केट कैप पर पड़ा। सेंसेक्स की टॉप-10 कंपनियों में से 8 कंपनियों को मिलाकर 2.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा।

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सबसे बड़ा घाटा रिलायंस और एचडीएफसी बैंक को

बाजार गिरावट का सबसे ज्यादा खामियाजा मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक को भुगतना पड़ा। रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 70,707 करोड़ रुपये घटकर 18,36,424 करोड़ रुपये रह गया। एचडीएफसी बैंक के शेयरों में गिरावट से निवेशकों को 47,482 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और इसका मार्केट कैप 14,60,864 करोड़ रुपये रह गया।

अन्य दिग्गज कंपनियों का भी बुरा हाल

  1. आईसीआईसीआई बैंक: ₹27,135 करोड़ की गिरावट, एमकैप ₹9,98,291 करोड़
  2. भारती एयरटेल: ₹24,947 करोड़ का नुकसान, एमकैप ₹10,77,213 करोड़
  3. एलआईसी: ₹23,655 करोड़ की गिरावट, एमकैप ₹5,39,048 करोड़
  4. एसबीआई: ₹12,692 करोड़ की कमी, एमकैप ₹7,40,619 करोड़
  5. बजाज फाइनेंस: ₹10,471 करोड़ का नुकसान, एमकैप ₹5,45,490 करोड़
  6. इंफोसिस: ₹7,540 करोड़ की गिरावट, एमकैप ₹6,10,464 करोड़

TCS और HUL ने दिखाई मजबूती

जब बाकी कंपनियों के शेयर डगमगा रहे थे। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) निवेशकों के लिए उम्मीद की किरण साबित हुई। TCS का मार्केट कैप 11,126 करोड़ रुपये बढ़कर 11,15,963 करोड़ रुपये हो गया। HUL ने 7,319 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ अपना एमकैप 6,24,991 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया।

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रिलायंस का दबदबा बरकरार

बावजूद इसके कि रिलायंस को भारी नुकसान हुआ, वह अब भी देश की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है। टॉप-10 कंपनियों की सूची में उसका स्थान पहला है। जिसके बाद क्रमशः एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, एचयूएल, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस और एलआईसी का नाम आता है।

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