भारत में बढ़ा अमेरिकी विरोध: ट्रंप के 50% टैरिफ के बाद रामदेव ने सभी भारतीयों से की ये अपील

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद देश में अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। योगगुरु रामदेव और कई संगठनों ने पेप्सी, कोका-कोला, केएफसी और मैकडॉनल्ड्स जैसी कंपनियों के बहिष्कार की अपील की है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्वदेशी उत्पादों को अपनाने पर जोर दिया है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 31 August 2025, 11:54 AM IST
google-preferred

New Delhi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने के फैसले के बाद भारत में अमेरिका विरोधी भावना तेज हो गई है। ट्रंप ने यह कदम भारत द्वारा रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीदने और उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने के कारण उठाया है। जानकारों का मानना है कि यह शुल्क दुनिया के सबसे ऊंचे टैरिफ में से एक है और इसका असर भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों पर सीधा पड़ेगा।

अमेरिकी ब्रांड्स के बहिष्कार की मांग तेजे

इस फैसले के बाद भारत में अमेरिकी ब्रांड्स के बहिष्कार की मांग तेजी से बढ़ी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, योगगुरु रामदेव ने जनता से अपील की है कि वे पेप्सी, कोका-कोला, सबवे, केएफसी और मैकडॉनल्ड्स जैसे अमेरिकी प्रोडक्ट्स और कंपनियों से दूरी बनाएं। उन्होंने कहा, 'भारत का हर नागरिक यह संकल्प ले कि वह अमेरिकी कंपनियों से कुछ भी खरीदना बंद कर दे। इतना बड़ा बहिष्कार होना चाहिए कि अमेरिका को झटका लगे।'

ट्रंप के टैरिफ वार पर भारत का पलटवार

ट्रंप के टैरिफ वार पर भारत का पलटवार

ब्रांड्स को भारी नुकसान

विरोध की यह लहर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में भी अमेरिकी उत्पादों के खिलाफ बहिष्कार अभियान देखने को मिल रहा है। यदि भारत जैसे विशाल बाजार में 1.5 अरब लोग अमेरिकी कंपनियों का बहिष्कार करते हैं तो इन ब्रांड्स को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर लोगों से ‘स्वदेशी अपनाओ, लोकल को बढ़ाओ’ का आह्वान किया। उन्होंने कहा, टजो भी भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहता है, उसे यह संकल्प मजबूत करना होगा कि हम अपने देश की मेहनत और संसाधनों से बने प्रोडक्ट ही इस्तेमाल करें।ट मोदी के इस बयान को एक नए स्वदेशी आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है।

Trump Tariff: ट्रंप के टैरिफ वार पर भारत का पलटवार, पूर्व वित्त सचिव ने बताई असली आर्थिक हकीकत

भारत में ट्रंप के फैसले को बताया अनुचित

भारत सरकार ने ट्रंप के फैसले को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य” बताया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। वहीं, आप सांसद अशोक कुमार मित्तल ने ट्रंप को पत्र लिखकर 1905 के स्वदेशी आंदोलन का हवाला दिया और कहा कि यदि 146 करोड़ भारतीय रणनीतिक रूप से अमेरिकी कंपनियों से दूरी बना लें, तो इसका असर अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर गहरा होगा।

लगातार बढ़ रहा भारत में कारोबार

इस बीच, अमेरिकी कंपनियों का भारत में कारोबार लगातार बढ़ रहा है। मैकडॉनल्ड्स की भारतीय इकाई वेस्टलाइफ फूडवर्ल्ड ने 2024 में 2,390 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 5 प्रतिशत अधिक था। पेप्सीको इंडिया ने भी 2024 में 8,200 करोड़ रुपये का कारोबार किया और भारत को अपने टॉप 15 वैश्विक बाजारों में शामिल किया। पिछले तीन वर्षों में कंपनी ने भारत में लगभग 4,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

डोनाल्ड का अहंकार बनाम मोदी की चुप्पी: नोबेल पुरस्कार की चाह में Trump ने खोया संतुलन! क्या क्वाड सम्मेलन में दिखेंगे ट्रंप?

बड़े पैमाने पर अमेरिकी कंपनियों का बहिष्कार

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि भारत में अमेरिकी कंपनियों का बहिष्कार बड़े पैमाने पर शुरू होता है, तो यह न केवल इन ब्रांड्स के लिए बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ट्रंप का यह कदम एक तरह से भारत-अमेरिका ट्रेड वॉर की शुरुआत माना जा रहा है, जिसके दीर्घकालिक परिणाम वैश्विक बाजार पर भी दिख सकते हैं।

Location :