

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका जल्द न्यायसंगत समाधान निकालेंगे। वहीं, जीएसटी परिषद ने कर सुधार करते हुए 12% और 28% दरों को हटाकर 5% व 18% स्लैब लागू किए। कोयला और कारों पर उपकर भी समाप्त किया गया।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
New Delhi: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर उत्पन्न हुए तनाव पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसदी टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका के साथ बातचीत चल रही है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। गोयल ने स्पष्ट किया कि दोनों देश एक न्यायसंगत, संतुलित और निष्पक्ष समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं।
गोयल ने कहा कि इस तरह की अंतरराष्ट्रीय बातचीत में कोई निश्चित समय-सीमा नहीं होती। उन्होंने कहा, "यह एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है, इसलिए इसे धैर्य के साथ करना जरूरी है।" उन्होंने यह भी दोहराया कि अमेरिका के साथ भारत के संबंध मजबूत हैं और आगे भी अच्छे बने रहेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से निर्यात किए जाने वाले उत्पादों पर पहले 25% और फिर रूसी तेल आयात के चलते अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाकर कुल 50% कर लगा दिया गया है। इससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में तनाव पैदा हुआ है, लेकिन भारत इसे बातचीत के जरिए सुलझाने की दिशा में सक्रिय है।
वहीं, टैरिफ विवाद के बीच सरकार ने घरेलू कर सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी परिषद बैठक में 12% और 28% की दरों को समाप्त कर उन्हें 5% और 18% के दो स्लैब में समायोजित किया गया है। इसे जीएसटी 2.0 के रूप में देखा जा रहा है।
GST 2.0 का असर: चुनिंदा वस्तुओं पर टैक्स बढ़ा, जानें सरकार को कितना होगा नुकसान
कोयले, फलों के रस युक्त कार्बोनेटेड पेय, और मध्यम व बड़ी कारों पर लगने वाला क्षतिपूर्ति उपकर (Compensation Cess) समाप्त कर दिया गया है। इससे इन वस्तुओं पर कर बोझ में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, वातित शर्करा युक्त पेय, लक्जरी कारें, नौकाएं और हेलीकॉप्टर जैसे विलासिता एवं अहितकर वस्तुओं पर 40% कर की व्यवस्था बनी रहेगी।