

“मैंने एक बार मोदी जी को दुआ दी थी कि वह गुजरात के मुख्यमंत्री बनें। तब उन्होंने सिर्फ मुस्कुराकर जवाब दिया था। लेकिन जब वह सचमुच मुख्यमंत्री बने तो मेरी अगली दुआ थी कि आप देश के प्रधानमंत्री बनें और भारत का नाम ऊंचा करें।” आज यह दुआ भी पूरी हो चुकी है और उनकी राखियों के साथ जुड़ी यह भावना अब राष्ट्रीय गौरव से जुड़ चुकी है।
पीएम नरेंद्र मोदी
New Delhi: देशभर में भाई-बहन के अटूट रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन नजदीक है। इस अवसर पर एक भावनात्मक और सांप्रदायिक सौहार्द का अद्भुत उदाहरण हर साल सामने आता है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुस्लिम बहन कमर मोहसिन शेख उन्हें राखी भेजती हैं। इस साल भी कमर शेख ने अपने हाथों से खास तौर पर चार राखियां तैयार की हैं। जिन पर ‘ॐ’ और भगवान गणेश की आकृति खुद उनकी आस्था और कला का प्रतीक बनकर उभरी है।
कराची से लेकर दिल्ली तक का राखी बंधन
पाकिस्तान के कराची में जन्मी कमर मोहसिन शेख का रिश्ता प्रधानमंत्री मोदी से कोई नया नहीं है। वह पिछले 30 वर्षों से लगातार हर रक्षाबंधन पर उन्हें राखी बांधती आ रही हैं। इस रिश्ते की शुरुआत एक सामान्य संवाद से हुई थी। जब नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक साधारण कार्यकर्ता हुआ करते थे। कमर शेख याद करते हुए बताती हैं, "नरेंद्र मोदी ने एक दिन मुझसे कहा कि बहन कैसी हो? बस उसी पल से मैंने तय कर लिया कि मैं उन्हें हर साल राखी बांधूंगी।"
ओम और गणेश जी से सजी राखियां
कमर शेख ने इस साल विशेष श्रद्धा और प्रेम से चार राखियां तैयार की हैं। जिनमें भारतीय संस्कृति और पारंपरिक प्रतीकों की झलक देखने को मिलती है। राखियों पर ‘ॐ’ का प्रतीक अंकित है। जो सनातन परंपरा में दिव्यता और शुभता का प्रतीक माना जाता है। साथ ही भगवान गणेश की आकृति भी उन्होंने अपने हाथों से उकेरी है, जो विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माने जाते हैं। उन्होंने बताया कि हर साल वह कई राखियां बनाती हैं, लेकिन जो उन्हें सबसे सुंदर और खास लगती है। वही प्रधानमंत्री की कलाई पर बांधने के लिए चुनती हैं।
पीएमओ से न्योते की प्रतीक्षा
कमर शेख अब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से औपचारिक न्योते का इंतजार कर रही हैं। जिससे वह दिल्ली जाकर स्वयं प्रधानमंत्री मोदी को राखी बांध सकें। उन्होंने बताया कि आमतौर पर हर साल की तरह उन्हें निमंत्रण मिल जाता है और जब भी उन्हें बुलाया जाता है। वह राखी लेकर पूरे सम्मान के साथ दिल्ली जाती हैं।
दुआएं जो बन गईं हकीकत
रक्षाबंधन के साथ कमर शेख की मोदी के लिए दी गईं दुआओं का सिलसिला भी बेहद खास रहा है। वह बताती हैं, "मैंने एक बार मोदी जी को दुआ दी थी कि वह गुजरात के मुख्यमंत्री बनें। तब उन्होंने सिर्फ मुस्कुराकर जवाब दिया था। लेकिन जब वह सचमुच मुख्यमंत्री बने तो मेरी अगली दुआ थी कि आप देश के प्रधानमंत्री बनें और भारत का नाम ऊंचा करें।" आज यह दुआ भी पूरी हो चुकी है और उनकी राखियों के साथ जुड़ी यह भावना अब राष्ट्रीय गौरव से जुड़ चुकी है।
हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल
कमर मोहसिन शेख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस राखी संबंध को देश में हिंदू-मुस्लिम एकता और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक माना जाता है। जब देश में धर्म और समुदायों के बीच तनाव की खबरें आती हैं। ऐसे में इस तरह की भावनात्मक कहानियां समाज को जोड़ने और समझदारी का संदेश देने का काम करती हैं।
हर साल बनती है खबर
हर साल जब कमर शेख प्रधानमंत्री को राखी भेजती हैं या खुद उन्हें बांधने दिल्ली पहुंचती हैं तो मीडिया और सोशल मीडिया पर यह दृश्य वायरल हो जाता है। यह परंपरा अब सिर्फ एक व्यक्तिगत संबंध नहीं, बल्कि देश के सामाजिक ताने-बाने में रचे-बसे सांस्कृतिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन चुकी है।