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SIR: बिहार में 56 लाख फर्जी मतदाताओं पर बवाल, महुआ मोइत्रा ने गृह मंत्री अमित शाह से मांगा इस्तीफा

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में 56 लाख संदिग्ध नाम सामने आने के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे केंद्र सरकार की विफलता बताया और गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की है।
Post Published By: Sapna Srivastava
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SIR: बिहार में 56 लाख फर्जी मतदाताओं पर बवाल, महुआ मोइत्रा ने गृह मंत्री अमित शाह से मांगा इस्तीफा

New Delhi: बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत जारी किए गए आंकड़ों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। आयोग ने खुलासा किया कि राज्य में कुल 56 लाख मतदाता या तो मृत हैं, दूसरे स्थानों पर चले गए हैं या फिर फर्जी रूप से दर्ज हैं। इस आंकड़े को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार और खास तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

महुआ मोइत्रा का हमला

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को कहा, “अगर चुनाव आयोग का यह दावा सही है कि बिहार में 56 लाख फर्जी वोटर मौजूद हैं, तो यह गृह मंत्रालय की गंभीर विफलता है।” उन्होंने कहा कि यदि इतनी बड़ी संख्या में अवैध घुसपैठ हुई है तो इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं और उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।

चुनाव आयोग पर भी उठाए सवाल

महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग को भाजपा का ‘प्रवक्ता’ बताते हुए कहा कि यह संस्था अब एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय की तरह नहीं, बल्कि सत्ताधारी पार्टी की शाखा की तरह काम कर रही है। उन्होंने चुनाव आयोग के आंकड़ों में पारदर्शिता की कमी को लेकर भी सवाल उठाए। मोइत्रा ने कहा कि 22 जुलाई को जारी आंकड़ों में लापता वोटरों की संख्या 11,484 थी, जबकि 23 जुलाई को यह संख्या अचानक बढ़कर 1 लाख हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बदलाव चुनावी प्रक्रिया में अविश्वास पैदा करता है।

चुनाव आयोग पर भड़कीं महुआ (सोर्स-गूगल)

चुनाव आयोग की सफाई

चुनाव आयोग ने 24 जुलाई को जारी अपने आंकड़ों में बताया कि बिहार में 1 लाख ऐसे मतदाता हैं जिनका कोई स्पष्ट पता नहीं मिला है। इसके अलावा, लगभग 55 लाख ऐसे मतदाता चिन्हित किए गए हैं जो या तो मृत हैं, स्थायी रूप से कहीं और चले गए हैं या जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज हैं। आयोग के मुताबिक, ये आंकड़े एसआईआर प्रक्रिया के दौरान सामने आए, जिससे आगामी चुनावों में फर्जी वोटिंग का खतरा पैदा हो सकता था। आयोग 1 अगस्त 2025 को संशोधित मतदाता सूची का नया ड्राफ्ट जारी करेगा।

राजनीतिक माहौल गर्म

महुआ मोइत्रा के बयान के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को संसद और सड़क दोनों पर उठाने का संकेत दिया है। वहीं भाजपा ने टीएमसी सांसद के आरोपों को निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया है।

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