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गुरुपूर्णिमा के खास अवसर देश की राजधानी दिल्ली में 12 जुलाई को सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव के पावन सानिध्य में गुरूपूर्णिमा महामहोत्सव का भव्य और दिव्य आयोजन होने वाला है। विश्व धर्म चेतना मंच द्वारा तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में इस महामहोत्सव का आयोजन किया जायेगा।
सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव
New Delhi: गुरुपूर्णिमा के खास अवसर देश की राजधानी दिल्ली में 12 जुलाई को सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव के पावन सानिध्य में गुरूपूर्णिमा महामहोत्सव का भव्य और दिव्य आयोजन होने वाला है। विश्व धर्म चेतना मंच द्वारा तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में इस महामहोत्सव का आयोजन किया जायेगा, जिसमें देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के अलावा वीआईपी, ब्यूरोक्रेट्स, गणमान्य लोग शामिल होंगे। ब्रह्मर्षि गुरुदेव तिरुपति से आकर यहां सभी श्रद्धालुओं को अपना आशीर्वाद और दिव्य दर्शन देंगे।
विश्व धर्म चेतना मंच ने रविवार को इस महामहोत्सव की तैयारियों की समीक्षा की। डाइनामाइट न्यूज ने गुरु पूर्णिमा पर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव के स्वागत की तैयारियों के बारे में जानने के लिए आयोजकों से बातचीत की।
आश्रम की ग्लोबल अध्यक्ष सरला बोथरा ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि हम सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हैं कि वे गुरु पूर्णिमा के अवसर पर इस अनूठे कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हों और पूज्य गुरुदेव का आशीर्वाद लें।
विश्व धर्म चेतना मंच के दिल्ली अध्यक्ष एस एन चांडक ने कहा कि हम गुरुदेव के भव्य स्वागत के लिये तैयार हैं। खाने-पीने से लेकर हर तरह की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सभी इंतजाम किये जा रहे हैं।
हरियाणा अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि हम भक्तों के लिए हर तरह की व्यवस्था करने में जुटे हुए है, ताकि किसी भी श्रद्धालु को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो।
'सिद्धगुरु' श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुवर गुरु पूर्णिमा पर दिल्ली में सभी श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का गूढ़ ज्ञान देंगे और भक्तों का समुचित मार्गदर्शन करेंगे।
आत्मा को छू लेने वाले दिव्य गुरु
'सिद्धगुरु' श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मऋषि गुरुवर एक दिव्य गुरु हैं, जिनका आत्मा पर गहरा प्रभाव है और वे मात्र एक झलक से किसी के जीवन की दिशा और भाग्य को बदलने में सक्षम हैं। उनके पास न केवल भाग्य को देखने की बल्कि उसे आकार देने और पुनः संरेखित करने की अनूठी क्षमता है, जिससे वे लोगों को दिव्य मार्ग पर ले जाते हैं।
कम उम्र से ही सिद्धगुरु ने असाधारण सांसारिक ज्ञान और पवित्र ग्रंथों जैसे आगम, वेद, गुरु ग्रंथ साहिब, रामायण, बाइबिल, पुराण, उपनिषद, महाकाव्य, और भगवद गीता में महारत हासिल की।