

शनिवार को गुरुग्राम स्थित विश्व शांति केन्द्र में जैन आचार्य लोकेश के 65वें जन्मदिन समारोह के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
आचार्य सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव गुरुवानंद के साथ आचार्य लोकेश
नई दिल्ली: भगवान ने हमें करोड़ों जीवों के बीच मनुष्य के रुप में चुना है और हम में से हर एक को मानव जीवन मिला है तो हम सब बेहद भाग्यशाली है। ऐसे में हम सबको मिलकर दुनिया को शांति और सद्भावना का मार्ग दिखाना चाहिये। यह कहना है तिरुपति से नई दिल्ली पधारे सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव गुरुवानंद का।
वे शनिवार को गुरुग्राम स्थित विश्व शांति केन्द्र में जैन आचार्य लोकेश के 65वें जन्मदिन समारोह में बतौर अतिथि बोल रहे थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आध्यात्मिक वातावरण से भरे इस कार्यक्रम में देश-विदेश के श्रद्धालु और गणमान्य लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए।
कार्यक्रम में कई गणमान्य हुए शामिल
अपने प्रभावशाली वक्तव्य में सिद्धगुरु ने मानवता, धर्म और वैश्विक शांति के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, “शांति और सद्भावना कोई एक दिन की बात नहीं, यह जीवन की शैली होनी चाहिए। आचार्य लोकेश मुनि का जीवन ही इस आदर्श का प्रतीक है – उन्होंने न केवल जैन धर्म का संदेश दिया, बल्कि उसे वैश्विक पटल पर भी पहुंचाया है।”
सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव गुरुवानंद
आचार्य लोकेश के सामाजिक योगदान, विशेषकर अहिंसा, पर्यावरण और मानवाधिकारों के क्षेत्र में किए गए कार्यों को भी इस दौरान विशेष रूप से रेखांकित किया गया।
कार्यक्रम में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों, धार्मिक गुरुओं, विद्वानों और युवाओं की उपस्थिति से यह महसूस हुआ कि आज भी शांति और सद्भावना जैसे मूल्य लोगों के दिलों में जीवित हैं। कार्यक्रम का समापन सभी धर्मों की एकता और वैश्विक शांति की कामना के साथ हुआ।