

आतंकवादियों ने 26/11 मुंबई हमले की तरह ही इस हमले की योजना बनाई थी। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पहलगाम आतंकी हमला (स्रोत: इंटरनेट)
जम्मू : खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकवादियों ने 26/11 मुंबई हमले की तरह ही इस हमले की योजना बनाई थी। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने अनुसार, उनका मुख्य लक्ष्य पर्यटक थे क्योंकि वे पर्यटकों को निशाना बनाकर जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को प्रभावित करना चाहते थे। केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किए गए शुरुआती आकलन से पता चलता है कि हमला ऐसे स्थान पर हुआ, जहां कई पर्यटक मौजूद थे और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी जानकारी नहीं थी।
पहलगाम आतंकी हमला 26/11 जैसा ही है
अगर आप 26/11 हमले के पैटर्न को देखें, तो इसके पीछे भी एक बड़ा मकसद था- राज्य की आर्थिक राजधानी पर हमला करके दुनिया को एक संदेश देना। हाल के दिनों में पहलगाम जम्मू-कश्मीर का आर्थिक केंद्र बनकर उभरा है। यहां अलग-अलग देशों और भारत के अलग-अलग राज्यों से पर्यटक आए थे। 26/11 के आतंकवादी समुद्र के रास्ते भारत में घुसे थे और पूरी तरह से तैयार थे और उनका दिमाग खराब था। लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई ने मुंबई हमलों की साजिश रची थी। शुरुआती जांच से पता चलता है कि आईएसआई और पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से पहलगाम हमलों को अंजाम देने की साजिश रची थी। आतंकवादी हमले के बाद अपने ठिकानों पर भाग गए, 26/11 के हमलावरों की तरह ही, ताकि जब वे सुरक्षित महसूस करें तो वे एक और हमले की योजना बना सकें।
पहलगाम हमले के पीछे आईएसआई और लश्कर के टीआरएफ का हाथ
हाल के दिनों में हमने देखा कि 26/11 आतंकी हमले के मुख्य आरोपी तौबा राणा को भारत को सौंप दिया गया और अब कश्मीर में खुफिया एजेंसियों द्वारा जुटाई जा रही जानकारी, डिजिटल और भौतिक साक्ष्य, सब इसी ओर इशारा करते हैं। हर जगह हाई अलर्ट है, सरकार ने एक्शन प्लान पर सोचना शुरू कर दिया है और सीसीएस की अहम बैठक होनी है। अधिकारियों ने इस क्रूर हत्याकांड को अंजाम देने वाले चार आतंकियों की तस्वीरें जारी की हैं। पाकिस्तान ने यह साजिश रची थी और इसके तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। गोलीबारी में कई लोग घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का अपना दौरा बीच में ही छोड़कर विदेश सचिव और विदेश मंत्री के साथ एयरपोर्ट पर बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम का दौरा किया, जहां उन्होंने पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की और हमले वाली जगह का मुआयना किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी पूरी जानकारी मिल गई है।
हमले की रणनीति और पाकिस्तानी कनेक्शन
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आतंकवाद पाकिस्तान से उपजा है। और मुजफ्फराबाद और कराची से भी इसके तार जुड़े होने के संकेत मिले हैं और इसमें आईएसआई की संलिप्तता की भी बात कही जा रही है। आतंकवादियों ने उन्नत संचार प्रणालियों का इस्तेमाल किया- मोबाइल का नहीं, बल्कि बाहरी रसद सहायता का। स्थानीय आतंकवादियों ने रेकी के बाद जानकारी दी और आतंकवादियों को विशेष प्रशिक्षण मिला था। इस हमले का मुख्य लक्ष्य पर्यटक थे- जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को नुकसान पहुंचाना। यह हमला आईएसआई के इशारे पर किया गया था और सभी आतंकवादी पाकिस्तानी बताए जा रहे हैं।
एनआईए जांच
एनआईए की टीम मौके पर पहुंच गई है। फोरेंसिक टीम ने कुछ स्टील बुलेट समेत गोलियां बरामद की हैं। स्टील बुलेट एक खतरनाक किस्म की बुलेट है। जिसका इस्तेमाल अक्सर पाकिस्तानी आतंकी करते हैं। पाकिस्तान चीन से ये बुलेट आयात करता है और आतंकियों को सप्लाई करता है। इस हमले की साजिश बेहद खतरनाक थी। इसका मकसद साफ था: पर्यटकों को निशाना बनाकर जम्मू-कश्मीर में स्थिरता को बिगाड़ना। उन्होंने पहलगाम पर हमला करके अपना मकसद पूरा करने की कोशिश की, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहा जाता है। यह हमला 26/11 की तर्ज पर किया गया। आतंकी पूरी तरह से तैयार थे। उनके पास रकसैक थे, जिसमें ड्राई फ्रूट्स, मेडिकल सप्लाई और छिपने के लिए जरूरी दूसरी चीजें थीं। संचार उपकरणों का भी इस्तेमाल किया गया। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, 5-6 विदेशी आतंकी अभी भी जंगलों में छिपे हुए हैं। जिन्होंने स्थानीय आतंकियों की मदद से रेकी की थी।