

भारत के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त तय की गई है, जबकि मतदान 9 सितंबर को होगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव
New Delhi: भारत के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त तय की गई है, जबकि मतदान 9 सितंबर को होगा। उम्मीदवारों की सूची जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी। वर्तमान उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, ऐसे में सभी प्रमुख दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा की तैयारी में जुटे हैं। चुनाव में संसद के सदस्य मतदान करेंगे। यह चुनाव खास इसलिए है क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद उपराष्ट्रपति पद रिक्त हो गया है।
9 सितंबर को होगा उपराष्ट्रपति का चुनाव, 21 अगस्त से नामांकन प्रक्रिया शुरू...#vicepresident #BREAKING #Delhi #LatestNews pic.twitter.com/WvdZh54tS7
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 1, 2025
चुनाव आयोग के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। अगर चुनाव की आवश्यकता पड़ी तो 9 सितंबर 2025 को मतदान होगा। यह चुनाव गुप्त मतदान (सीक्रेट बैलेट) के जरिए होगा, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य अपने वोट देंगे।
चुनाव के लिए पूरा शेड्यूल जारी
चुनाव आयोग ने इस महत्वपूर्ण चुनाव के लिए पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है। इसके अनुसार, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है और अगर चुनाव हुआ तो 9 सितंबर को मतदान किया जाएगा। गुप्त मतदान प्रक्रिया में संसद के दोनों सदनों के सदस्य , लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को वोट देने का अधिकार होगा।
उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रमुख उम्मीदवार
इस बार के उपराष्ट्रपति चुनाव में कई महत्वपूर्ण और अनुभवी नेताओं के नाम चर्चा में हैं। इन संभावित उम्मीदवारों के बारे में राजनीति के विशेषज्ञों की राय है कि इस चुनाव में क्षेत्रीय और राजनीतिक समीकरण अहम भूमिका निभाएंगे।
नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री और लंबे समय तक NDA के सहयोगी रहे नीतीश कुमार का नाम सबसे प्रमुख है। उनका प्रशासनिक अनुभव, क्षेत्रीय प्रभाव और राजनीतिक समझ उन्हें इस पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाते हैं।
अरिफ मोहम्मद खान
वर्तमान में बिहार के राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरिफ मोहम्मद खान का नाम भी उपराष्ट्रपति पद के लिए सामने आ रहा है। उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि और राजनीतिक संतुलन की क्षमता उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है।
जेपी नड्डा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का नाम भी इस चुनाव में सामने आ रहा है। उनका संगठनात्मक कौशल और पार्टी के भीतर प्रभाव उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं। भाजपा की राजनीति में उनका महत्वपूर्ण योगदान है।
हरिवंश नारायण सिंह
राज्यसभा के उपसभापति और सांसद हरिवंश नारायण सिंह का नाम भी उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित उम्मीदवारों में लिया जा रहा है। उनकी संसदीय कार्यों में गहरी समझ और अनुभव उन्हें इस संवैधानिक पद के लिए उपयुक्त बनाता है। उन्होंने हमेशा लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की है।
रामनाथ ठाकुर
जेडीयू के वरिष्ठ नेता रामनाथ ठाकुर का नाम भी इस सूची में शामिल है। सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों की राजनीति में सक्रिय रामनाथ ठाकुर की स्थिति मजबूत है और उनका नाम इस चुनाव में प्रमुखता से लिया जा रहा है।
राजनीतिक समीकरण और रणनीतियां
इस चुनाव का महत्व केवल संवैधानिक प्रक्रिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय राजनीति के नए समीकरणों का हिस्सा भी है। उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों का चयन विभिन्न राजनीतिक दलों की रणनीतियों, क्षेत्रीय संतुलन और दलगत नीतियों पर निर्भर करेगा।