

भारत में जल्द ही हवाई जहाज जैसी लग्जरी इलेक्ट्रिक बसें शुरू होने वाली हैं, जिनमें होंगी बस होस्टेस और सभी आधुनिक सुविधाएं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट टाटा के सहयोग से तैयार हो रहा है और इनका किराया मौजूदा बसों से 30% कम होगा। साथ ही, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
नितिन गडकरी
New Delhi: भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में जल्द ही एक बड़ा क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि देश में जल्द ही हवाई जहाज जैसी सुविधाओं से लैस अल्ट्रा मॉडर्न इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। ये बसें यात्रियों को न केवल आरामदायक यात्रा का अनुभव देंगी। बल्कि उनमें बस होस्टेस, कॉफी-चाय, फ्रूट्स और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी सेवाएं भी मिलेंगी।
टाटा के साथ मिलकर हो रहा काम
यह घोषणा बिजनेस स्टैंडर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर समिट के दौरान की गई। जहां गडकरी ने कहा कि भारत सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट टाटा ग्रुप के सहयोग से विकसित किया जा रहा है और वर्तमान में इसपर पायलट स्तर पर काम शुरू हो चुका है।
प्लेन जैसी सुविधा, लेकिन कम खर्च
नितिन गडकरी ने बताया कि ये बसें ना केवल फुली एसी और लग्जरी होंगी, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में काम करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि इनका किराया मौजूदा डीजल बसों की तुलना में करीब 30% कम होगा। यानी यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और खर्च भी कम होगा।
इन प्रमुख सुविधाओं से लैस होंगी ये लग्जरी बसें
एआई से स्मार्ट रोड और ब्रिज का निर्माण
गडकरी ने कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की उपयोगिता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार सड़क, ब्रिज और टनल निर्माण में भी अब AI तकनीक का इस्तेमाल करने की दिशा में काम कर रही है। विशेषकर हिमाचल और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में जहां सड़क निर्माण कई बार कठिनाईपूर्ण होता है। वहां AI की मदद से समाधान तलाशे जा रहे हैं।
नया युग, नई सोच
केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब सिर्फ सड़कों का देश नहीं, बल्कि स्मार्ट रोड और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह पहल ना केवल ट्रैवल एक्सपीरियंस को अपग्रेड करेगी, बल्कि देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को वैश्विक मानकों पर ले जाएगी।