नमो भारत कॉरिडोर ने रचा इतिहास: 82 किलोमीटर की दूरी कुल 1 घंटे में तय, दुनिया में पहली बार हुआ इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग

इस खबर को पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा कि भारत देश कितनी तेजी के साथ तरक्की कर रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 23 June 2025, 3:40 PM IST
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मेरठ: भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) "नमो भारत कॉरिडोर" पर सोमवार को एक और बड़ी सफलता दर्ज की गई। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) ने सराय काले खां से मोदीपुरम (मेरठ) तक 82 किलोमीटर लंबे रूट पर ट्रेनों का शेड्यूल-बेस्ड ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया। इस ऐतिहासिक ट्रायल में "नमो भारत ट्रेन" ने हर स्टेशन पर स्टॉप लेते हुए भी यह दूरी एक घंटे से भी कम समय में तय की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, यह ट्रायल केवल स्पीड का नहीं बल्कि तकनीकी दक्षता, सुरक्षा और सिस्टम समन्वय का भी बेहतरीन उदाहरण बना। करीब 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम परिचालन गति से दौड़ती ट्रेनों ने साबित कर दिया कि भारत अब हाई-स्पीड, सुरक्षित और समयबद्ध सार्वजनिक परिवहन की दिशा में एक बड़ी छलांग लगा चुका है।

दुनिया में पहली बार प्रयोग हुआ अत्याधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम

इस कॉरिडोर पर दुनिया में पहली बार "एलटीई बैकबोन आधारित ईटीसीएस लेवल-3 हाइब्रिड सिग्नलिंग सिस्टम" का प्रयोग हुआ है। जो प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (PSD) के साथ पूरी तरह समन्वित होकर कार्य करता है। इस अत्याधुनिक तकनीक से ट्रेनों की गति, नियंत्रण और सुरक्षा को एक नया आयाम मिला है।

देश में पहली बार

इस ट्रायल रन के दौरान मेरठ मेट्रो ट्रेनें भी नमो भारत ट्रेनों के साथ-साथ चलाई गई। यह भारत की पहली मेट्रो सेवा होगी, जो "रीजनल रेल नेटवर्क" के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर संचालित होगी। 23 किलोमीटर लंबे मेरठ मेट्रो सेक्शन में 13 स्टेशन होंगे। जिनमें से 18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और 5 किलोमीटर भूमिगत है।

क्या है अब तक की प्रगति

55 किलोमीटर रूट (गाजियाबाद से दुहाई डिपो तक) पहले से ही यात्रियों के लिए चालू है। बचे हुए हिस्सों में दिल्ली में "सराय काले खां से न्यू अशोक नगर तक 4.5 किमी" और मेरठ में "मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक 23 किमी" पर तेजी से ट्रायल और फिनिशिंग कार्य चल रहे हैं।

देश के लिए क्यों अहम है नमो भारत कॉरिडोर

यह देश की पहली रीजनल रैपिड रेल है। जो दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ जैसे प्रमुख शहरों को हाई-स्पीड से जोड़ती है। इससे न केवल यात्रा का समय बचेगा, बल्कि वातावरण के लिए भी लाभदायक होगा क्योंकि यह एक ग्रीन ट्रांसपोर्ट सिस्टम है। NCRTC द्वारा स्थापित यह मॉडल भविष्य में देश के अन्य हिस्सों में बनने वाली रैपिड रेल परियोजनाओं के लिए प्रेरणा है। NCRTC ने संकेत दिया है कि अब अंतिम तैयारियों के बाद बहुत जल्द ही पूरे 82 किलोमीटर रूट पर यात्री सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी। इससे पूरे एनसीआर को एक फास्ट, सुविधाजनक और अत्याधुनिक कनेक्टिविटी मिलने जा रही है।

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