

पेरिस ओलिंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन करने वाली शूटर मनु भाकर अब स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर बनाने की दिशा में एक नया कदम उठा रही हैं। उन्होंने हाल ही में घोषणा की कि वह रोहतक के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) से स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में एमबीए करेंगी।
मनु भाकर का नया कदम
New Delhi: मनु भाकर पेरिस ओलिंपिक में भारत को दो ब्रॉन्ज मेडल दिलाए, अब खेल के साथ-साथ उसके बिजनेस पक्ष को समझने के लिए स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में एमबीए करने जा रही हैं। उनके परिवार का मानना है कि मनु अपने शूटिंग करियर के बाद भी खेल से जुड़ी रहना चाहती हैं और इस क्षेत्र में काम करने का उनका सपना है। यह कदम उनके लिए एक नया अध्याय है, जो न केवल उनकी खुद की करियर यात्रा को और भी विविध बनाता है, बल्कि खेल जगत के साथ उनके जुड़ाव को भी मजबूत करेगा।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट एमबीए में दाखिला कैसे मिलता है?
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में एमबीए करने के लिए एक छात्र के पास ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। इसके बाद उन्हें CAT, MAT, या XAT जैसे एंट्रेंस एग्जाम देने होते हैं। इन परीक्षाओं में अच्छे नंबर लाकर छात्र कई प्रतिष्ठित कॉलेजों में एडमिशन पा सकते हैं। कुछ कॉलेज इन परीक्षाओं के बाद ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू भी आयोजित करते हैं, जहां छात्रों के विश्लेषणात्मक कौशल और पेशेवर दृष्टिकोण का मूल्यांकन किया जाता है।
भारत में कहां कराए जाते ये कोर्स?
• सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स साइंसेज, पुणे
• डॉ. डी. वाई. पाटिल यूनिवर्सिटी, नवी मुंबई
• SRM यूनिवर्सिटी, चेन्नई
कोर्स के पहले साल में छात्रों को स्पोर्ट्स और बिजनेस मैनेजमेंट की बेसिक चीजें जैसे स्पोर्ट्स इकोनॉमिक्स, इवेंट मैनेजमेंट, और स्पोर्ट्स मार्केटिंग सिखाई जाती हैं। दूसरे साल में स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी, डिजिटल मार्केटिंग और स्पोर्ट्स लॉ जैसे विषयों को कवर किया जाता है। इसके अलावा, छात्रों को इंटर्नशिप का भी मौका मिलता है, जिससे वे वास्तविक जीवन में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के सिद्धांतों को लागू कर सकते हैं।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट एमबीए के लिए फीस
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में एमबीए कोर्स की फीस संस्थान के आधार पर भिन्न हो सकती है। यह फीस ₹24,000 से लेकर ₹20 लाख तक हो सकती है। कोर्स पूरा करने के बाद स्पोर्ट्स मैनेजर, पीआर एग्जीक्यूटिव, और स्पोर्ट्स मार्केटर जैसे पेशेवर पदों पर नौकरी मिल सकती है। शुरुआत में एक स्पोर्ट्स मैनेजर की औसत सैलरी लगभग ₹5.6 लाख प्रति वर्ष हो सकती है, जो अनुभव के साथ बढ़ती जाती है। इसके अलावा, छात्रों को स्पोर्ट्स इवेंट्स के आयोजन, स्पोर्ट्स ब्रांडिंग और एथलीट्स के प्रमोशन जैसे क्षेत्रों में भी काम करने का मौका मिलता है।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के क्षेत्र में बीबीए कोर्स का महत्व
यदि आप स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर शुरू करना चाहते हैं, तो आप बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कोर्स में भी दाखिला ले सकते हैं। यह तीन साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है, जिसमें छात्रों को स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के प्रबंधन की बारीकियां सिखाई जाती हैं। इस कोर्स के लिए छात्रों को 12वीं पास होना जरूरी है, और इसके लिए प्रवेश परीक्षा जैसे IPU CET, SET और CUET UG जैसी परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है।
बीबीए स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कोर्स के बाद नौकरी के अवसर
बीबीए स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद भी कई प्रकार के करियर अवसर मौजूद हैं। छात्र स्पोर्ट्स इंस्ट्रक्टर, मैनेजमेंट ट्रेनी, स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट, इवेंट मैनेजर और स्पोर्ट्स मैनेजर जैसे पदों पर कार्य कर सकते हैं। शुरुआत में एक स्पोर्ट्स मैनेजर की सैलरी ₹6 लाख प्रति वर्ष हो सकती है, जो समय के साथ बढ़ती है। स्पोर्ट्स प्रबंधन के क्षेत्र में करियर के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं, क्योंकि खेलों के व्यावसायीकरण और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव के साथ इस क्षेत्र की मांग भी बढ़ी है।
भारत में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के भविष्य का स्कोप
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर के अवसर हर दिन बढ़ रहे हैं, खासकर भारत जैसे देश में जहां खेलों के प्रति रुचि और निवेश में वृद्धि हो रही है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL), प्रो कबड्डी लीग (PKL), और अन्य पेशेवर खेल लीगों के उदय ने इस क्षेत्र में व्यावसायिकता को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, डिजिटल मीडिया और स्पोर्ट्स मार्केटिंग के बढ़ते प्रभाव के कारण भी इस क्षेत्र में नए और दिलचस्प करियर विकल्प उपलब्ध हो रहे हैं। मनु भाकर जैसे प्रमुख खिलाड़ी, जो खेल के व्यवसायिक पक्ष को समझने के लिए प्रयासरत हैं। भारतीय स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए एक नई दिशा तय कर रहे हैं। उनका निर्णय न केवल खेल में अपने योगदान को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा है।