

2035 तक देश के सामरिक और नागरिक स्थलों को अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली से जोड़ा जाएगा। दुश्मन के हमलों को रोकने और पलटवार करने वाला यह मिशन होगा आत्मनिर्भर भारत की नई मिसाल। पीएम मोदी ने इसे श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से जोड़ा, जानिए पूरा विजन।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
New Delhi: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुरक्षा को लेकर 'मिशन सुदर्शन चक्र' नामक एक अत्यंत महत्त्वाकांक्षी और तकनीकी दृष्टि से उन्नत योजना की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा कवच” की संज्ञा देते हुए कहा कि यह मिशन भारत को भविष्य की किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए तैयार करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 2035 तक देश के सभी अहम और संवेदनशील स्थानों को आधुनिक तकनीकी सुरक्षा कवच से लैस किया जाएगा, जिससे भारत का हर नागरिक सुरक्षित महसूस कर सके। यह सुरक्षा कवच केवल सैन्य प्रतिष्ठानों तक सीमित नहीं होगा, बल्कि अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों और अन्य सार्वजनिक स्थलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
क्या है 'मिशन सुदर्शन चक्र'?
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिशन की तुलना भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से करते हुए कहा कि यह एक ऐसा आधुनिक वेपन सिस्टम होगा जो दुश्मन के हमलों को न्यूट्रलाइज करने के साथ-साथ पलटवार करने में भी सक्षम होगा। यह प्रणाली न सिर्फ रक्षा के लिए तैयार की जाएगी बल्कि इसका उपयोग सक्रिय हमलों के लिए भी होगा।
पीएम मोदी बोले, “भगवान श्रीकृष्ण ने जब महाभारत में अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य को ढक दिया था, तब अर्जुन ने जयद्रथ का वध कर संकल्प पूरा किया था। अब देश भी ऐसा ही सुदर्शन चक्र तैयार करेगा जो अंधकार में भी रास्ता दिखाएगा और दुश्मन पर सटीक वार करेगा।”
2035 तक सुरक्षा का आधुनिक नेटवर्क
प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि यह कवच समय के साथ लगातार अपडेट और विस्तार पाता रहेगा। इसमें नई तकनीकों का समावेश, AI-संचालित निगरानी सिस्टम, स्मार्ट डिटेक्शन और त्वरित प्रतिक्रिया वाले प्लेटफॉर्म शामिल होंगे।
मिशन की मुख्य बातें
हर प्रकार की तकनीकी चुनौती का मुकाबला करने की क्षमता
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मिशन पूरी तरह आत्मनिर्भर भारत की सोच के तहत विकसित किया जाएगा। जिसमें रिसर्च से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक सब देश में ही होगा।
सुरक्षा के साथ ही समृद्धि का वादा
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में जोर दिया कि किसी भी देश की समृद्धि तभी टिकाऊ होती है, जब उसकी सुरक्षा मजबूत हो। उन्होंने कहा, “समृद्धि कितनी भी हो, अगर सुरक्षा नहीं है तो उसका कोई मतलब नहीं। आने वाले 10 सालों में हमें ऐसा सुरक्षा तंत्र तैयार करना है जिससे देश का हर कोना, हर नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस करे।”