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जैश-ए-मोहम्मद के टेरर मॉड्यूल से जुड़े मुजम्मिल के फोन से दिल्ली की कई तस्वीरें और संदिग्ध व्हाट्सएप ग्रुप मिले हैं। जांच एजेंसियां अब उसके नेटवर्क, संपर्कों और संभावित आतंकी साजिश की पड़ताल में जुटी हैं। दिल्ली आना किसी बड़े आतंकी प्लान का हिस्सा था।
दिल्ली में बड़ा खुलासा
New Delhi: दिल्ली में हुई हालिया गिरफ्तारियों के बीच एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। जैश-ए-मोहम्मद के टेरर मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टर मुजम्मिल शकील के फोन की जांच में जांच एजेंसियों को अहम सबूत मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, मुजम्मिल इस साल कई बार दिल्ली आया था और उसके फोन से शहर की कई जगहों की तस्वीरें मिली हैं।
एजेंसियां इन तस्वीरों का विश्लेषण कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसकी यात्राओं का उद्देश्य क्या था। शुरुआती जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि उसका दिल्ली आना किसी बड़े आतंकी प्लान का हिस्सा था, न कि सामान्य यात्रा।
मुजम्मिल के फोन से कई व्हाट्सएप ग्रुप भी मिले हैं जिनमें संदिग्ध लोग शामिल थे। गिरफ्तारी के बाद कई सदस्यों ने इन ग्रुपों को छोड़ दिया, जिससे एजेंसियों को शक हुआ कि वे भी इस नेटवर्क का हिस्सा थे। जांच टीमें अब इन सभी संपर्कों की पहचान करने और उनके ठिकानों का पता लगाने में जुटी हैं।
दिल्ली ब्लास्ट की पोस्टमार्टम रिपोर्ट
पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मुजम्मिल ने दिल्ली में किन लोगों से मुलाकात की और क्या उसने स्थानीय स्तर पर कोई नेटवर्क तैयार किया था। एजेंसियों को यह भी शक है कि उसके साथ अन्य लोग भी शामिल थे, जो फिलहाल फरार हैं।
डॉ. मुजम्मिल शकील को जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया। वह अल-फलाह यूनिवर्सिटी में लगभग साढ़े तीन साल से पीसीसी डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। जांच में सामने आया है कि वह लंबे समय से जैश-ए-मोहम्मद से संपर्क में था।
उसकी निशानदेही पर पुलिस ने फरीदाबाद से एक स्विफ्ट कार बरामद की, जिसमें से Krinkob असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन और 83 राउंड कारतूस मिले। इसके अलावा पिस्टल, दो मैगजीन और दो खोखे भी बरामद किए गए। पुलिस को उसके धोज स्थित किराए के कमरे से करीब 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट भी मिला है, जो किसी बड़े धमाके की तैयारी की ओर इशारा करता है।
पूरे ऑपरेशन की पोल तब खुली जब फॉरेंसिक जांच में मुजम्मिल की संदिग्ध गतिविधियों और कॉल रिकॉर्ड्स से जैश-ए-मोहम्मद नेटवर्क से सीधे संपर्क के सबूत मिले। फोन में मिले संदेशों और लोकेशन ट्रैकिंग ने एजेंसियों को उसके नेटवर्क तक पहुंचने में मदद की।
फिलहाल पुलिस और खुफिया एजेंसियां मुजम्मिल के दिल्ली नेटवर्क को खंगाल रही हैं और इस बात की जांच कर रही हैं कि राजधानी में उसकी गतिविधियों का मकसद क्या था।