Israeli attack: ईरान-अमेरिका परमाणु डील के करीब, इजरायली हमले की आशंका से बढ़ी वैश्विक चिंता

डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 28 May 2025, 5:15 PM IST
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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं। इस बार उनका लक्ष्य है ईरान के साथ परमाणु समझौता कर एक और पुराने विवाद को समाप्त करना। दोनों देशों के बीच चल रही वार्ता सकारात्मक मोड़ पर पहुंच चुकी है, जिससे वैश्विक स्तर पर तनाव में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि इस डील की राह इतनी आसान भी नहीं है, क्योंकि एक नया संकट उभरता दिख रहा है—इजरायल द्वारा संभावित हमला।

डील की कोशिशों में जुटा अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप की मध्य पूर्व नीति का एक अहम पहलू रहा है विवादों को बातचीत के माध्यम से खत्म करना। पहले उन्होंने सीरिया से कूटनीतिक संबंधों को सामान्य करने की दिशा में कदम उठाया, फिर यूक्रेन और रूस के बीच वार्ता का समर्थन किया। अब उनका ध्यान ईरान पर केंद्रित है। अमेरिका चाहता है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाए, खासकर यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया को नियंत्रित करे।

ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में उम्मीद जताई है कि परमाणु डील सफल हो सकती है। अमेरिका चाहता है कि ईरान न केवल अपने यूरेनियम भंडार को कम करे, बल्कि उसे देश के बाहर भेजने पर भी विचार करे। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अमेरिकी निरीक्षकों को परमाणु ठिकानों तक पहुंच देने की शर्त भी रखी गई है।

ईरान ने रखीं अपनी शर्तें

ईरान भी वार्ता के लिए तैयार दिख रहा है, लेकिन उसने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के अधिकार से पीछे नहीं हटेगा। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अगर अमेरिका उसकी संप्रभुता का सम्मान करता है और उसके परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को मान्यता देता है, तो वह IAEA निरीक्षकों को परमाणु स्थलों पर आने की अनुमति दे सकता है। हालांकि, यूरेनियम संवर्धन को पूरी तरह से बंद करना फिलहाल ईरान के एजेंडे में नहीं है।

इजरायल की ओर से बढ़ रहा खतरा

इस बीच न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट ने नई चिंता खड़ी कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू किसी भी वक्त ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने का आदेश दे सकते हैं। अमेरिकी अधिकारियों को आशंका है कि यह आदेश अचानक भी आ सकता है या फिर कुछ घंटे पहले सूचित करके हमला किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में अमेरिका के पास इजरायल पर दबाव डालने का समय भी नहीं बचेगा।

इजरायल शुरू से ही ईरान के साथ परमाणु समझौते का विरोध करता रहा है और नेतन्याहू को डर है कि डील हो गई तो ईरान परमाणु शक्ति बनने के करीब पहुंच सकता है। इजरायली रणनीति यह भी हो सकती है कि हमला कर अमेरिका को मजबूरन युद्ध में शामिल होने की स्थिति में ला दिया जाए।

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  • Hyderabad

Published : 
  • 28 May 2025, 5:15 PM IST