

भारत ने 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए आधिकारिक बिड लगाने का फैसला किया है। कैबिनेट की मंजूरी के साथ गुजरात के अहमदाबाद को आयोजन स्थल के रूप में प्रस्तावित किया गया है। इससे भारत को खेल, पर्यटन और अर्थव्यवस्था में बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।
Commonwealth Games
New Delhi: भारत ने 2030 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) की मेजबानी के लिए आधिकारिक रूप से दावेदारी ठोक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में खेल मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। यह निर्णय देश के लिए न केवल खेल क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि का संकेत है, बल्कि यह भारत की वैश्विक खेल मंच पर बढ़ती हुई प्रतिष्ठा का प्रमाण भी है। सरकार ने खेलों की मेजबानी के लिए बोली (बिड) लगाने, आवश्यक विभागीय मंजूरी, गारंटी प्राप्त करने और गुजरात सरकार को अनुदान देने जैसे कई पहलुओं को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही मेजबान सहयोग समझौता (Host City Contract) पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
अहमदाबाद हो सकता है आयोजन स्थल
राष्ट्रमंडल खेलों की संभावित मेजबान शहर के रूप में गुजरात का अहमदाबाद सबसे आगे चल रहा है। अहमदाबाद में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम (दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम) को आयोजन स्थल के रूप में प्रस्तावित किया गया है। यह स्टेडियम 2023 के क्रिकेट विश्व कप में सफल आयोजन की मिसाल बन चुका है। यहां विश्वस्तरीय खेल सुविधाएं, आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र और उन्नत इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से मौजूद हैं, जिससे इसकी दावेदारी और भी मजबूत हो जाती है।
2010 के बाद फिर से मेजबानी का मौका
भारत ने इससे पहले 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की सफल मेजबानी की थी। अब कनाडा के 2030 की मेजबानी से हटने के बाद भारत के पास यह अवसर आया है, जिसे सरकार ने गंभीरता से लिया है। खेल मंत्रालय ने पहले ही इच्छापत्र जमा कर दिया है और अब औपचारिक बिड की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।
आर्थिक लाभ की उम्मीद
सरकार को उम्मीद है कि इस बड़े खेल आयोजन से देश को राष्ट्रीय गौरव, एकता की भावना और अर्थव्यवस्था के स्तर पर बड़ा लाभ मिलेगा। अनुमान है कि 72 देशों के एथलीट, कोच, अधिकारी, पर्यटक और मीडियाकर्मी भारत आएंगे। जिससे पर्यटन, होटल इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्ट और स्थानीय व्यवसायों को नया अवसर मिलेगा। इससे न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
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खेल क्षेत्र को मिलेगी नई दिशा
सरकार का मानना है कि इस आयोजन से देश में खेल संस्कृति को और बढ़ावा मिलेगा। युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें प्रेरणा मिलेगी। इसके साथ ही खेल विज्ञान, आयोजन प्रबंधन, मीडिया, आईटी, जनसंपर्क, लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में भी विशेषज्ञता और अवसर बढ़ेंगे।
सशक्त दावेदारी के साथ आगे बढ़ा भारत
सरकार ने न केवल बिड की प्रक्रिया को प्रारंभ किया है, बल्कि पूरी तैयारी और रणनीति के साथ आगे बढ़ने का संकेत भी दे दिया है। अब निगाहें राष्ट्रमंडल गेम्स फेडरेशन पर हैं कि वह भारत की इस मजबूत दावेदारी पर क्या निर्णय लेता है।