सांसद कंगना राणवत के खिलाफ आगरा कोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने दिया ये आदेश

हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना राणवत के खिलाफ आगरा कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 6 May 2025, 9:06 PM IST
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आगरा: हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना राणवत के खिलाफ आगरा कोर्ट में दायर वाद खारिज हो गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अनुज कुमार सिंह ने तीन बिंदुओं के आधार पर इस वाद को आधारहीन बताया और खारिज कर दिया। बता दें कि अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने कोर्ट में कंगना के खिलाफ गांधी जी के लिए अभद्र टिप्पणी करने और किसान आंदोलन के खिलाफ गलत बोलने के आरोप में वाद दायर किया था।

पहले बिंदु में कोर्ट ने कहा कि वादी और उसके परिवार का कोई भी सदस्य किसान आंदोलन में शामिल नहीं था। दूसरे बिंदु में लिखा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मृत्यु हो चुकी है। उनके परिवार का कोई व्यक्ति ही ये वाद दायर कर सकता है।

तीसरे बिंदु में लिखा कि वाद दायर करने से पहले किसी मजिस्ट्रेट से इस बारे में मंजूरी नहीं ली गई।

जरूरत हुई तो हाईकोर्ट जाउंगा

वादी अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने कहा कि वाद खारिज किए जाने के आदेश के खिलाफ मैं एमपी एलएलए कोर्ट सेशन में रिवीजन डालेंगे। मैं चुप नहीं बैठूंगा, जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट तक जाउंगा।

मामले में कुछ नहीं था

वहीं कंगना की ओर से पैरवी कर रहीं अधिवक्त अनसूया चौधरी का कहना हहै कि मामले में कुछ नहीं था। वाद खारिज किए जाने को लेकर तमाम रूलिंग और अपने तर्क दिए। जिस पर कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

यह था मामला

आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता और राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमा शंकर शर्मा ने पिछले साल सितंबर माह में कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रदोह और किसानों और शहीदों के अपमान करने के उनके द्वारा समय समय पर दिए गए बयानों के आधार परिवाद दायर किया था।

याची अधिवक्ता का कहना था कि कंगना रनौत ने 2014 में आजादी मिलने की बात कहकर महात्मा गांधी समेत लाखों स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों का अपमान किया। यही नहीं, अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ बयान देकर उन्होंने अन्नदाता का भी अपमान किया।

मंगलवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,विशेष न्यायालय एमपी-एमएलए अनुज कुमार सिंह ने अपने फैसले में तीन बिंदुओं पर निर्णय देते हुए लिखा कि वादी और उसके परिवार का कोई भी सदस्य किसान आंदोलन में शामिल नहीं था। दूसरे, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मृत्यु हो चुकी है। उनके परिवार का कोई व्यक्ति ही ये वाद कर सकता है। तीसरा, वाद दायर करने से पहले राज्य सरकार इस बारे में मंजूरी नहीं ली गई।

Location : 
  • Agra

Published : 
  • 6 May 2025, 9:06 PM IST