

Gold 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गया था, लेकिन अब इसकी कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है। पढ़िए डाइनामइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
सोना (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: Gold 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गया था, लेकिन अब इसकी कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है। शुक्रवार को Multi Commodity Exchange (MCX) पर 5 जून डिलीवरी वाला गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट 0.41 फीसदी की गिरावट के साथ 92,790 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। इस गिरावट की मुख्य वजह अमेरिकी डॉलर में मजबूती और वैश्विक व्यापार तनाव में कमी को माना जा रहा है।
डाइनामइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, अमेरिका और चीन के बीच हाल ही में हुए 90 दिवसीय व्यापार समझौते के बाद वैश्विक बाजारों में स्थिरता आई है, जिससे सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर सोने की मांग में गिरावट आई है। इसके चलते घरेलू और international markets में सोने की कीमतों पर दबाव है।
छह महीने का टूट सकता है रिकॉर्ड
International gold पर सोने की कीमतें पिछले छह महीनों में सबसे तेज साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रही हैं। इसके साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना भी अब कम हो गई है। फेडरल रिजर्व के गवर्नर मिशेल बाउर ने हाल ही में कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत है और मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के 2 प्रतिशत लक्ष्य के करीब है। इससे ब्याज दरों में जल्द कटौती की उम्मीद कमजोर हुई है, जिससे सोने की मांग और कम हुई है।
अमेरिकी महंगाई दर में मामूली बदलाव
अमेरिकी श्रम विभाग के अनुसार, अप्रैल महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मार्च में यह आंकड़ा 0.1 प्रतिशत कम था। सालाना आधार पर, अप्रैल तक पिछले 12 महीनों में CPI में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि मार्च तक यह वृद्धि 2.4 प्रतिशत थी। इसका मतलब है कि मुद्रास्फीति अब धीरे-धीरे स्थिर हो रही है, जो सोने की कीमतों के लिए एक नकारात्मक संकेत है।
IBJA की वाइस प्रेसिडेंट का बयान
India Bullion and Jewelers Association (IBJA) की उपाध्यक्ष और एस्पेक्ट ग्लोबल वेंचर्स की कार्यकारी अध्यक्ष अक्ष कंबोज ने कहा कि दुनिया भर में सोने की कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। उन्होंने कहा, "अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद, रूस-यूक्रेन युद्ध और इक्विटी बाजारों में अस्थिरता जैसे कारक अब कमजोर पड़ गए हैं। इन सभी कारणों से बुलियन यानी सोने और चांदी की कीमतों पर असर पड़ा है और निवेशकों की दिलचस्पी भी कम हुई है।"