काशी में जन्म और BHU से पढ़ाई… जानें कौन हैं अदिति मिश्रा, जिनके हाथों में रहेगी JNU की कमान

जेएनयू चुनाव में मतगणना के रुझानों के मुताबिक लेफ्ट यूनिटी ने जीत हासिल कर ली है। इस बार लेफ्ट ने चारों पदों पर जीत दर्ज कर कैंपस की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। अध्यक्ष से लेकर संयुक्त सचिव तक सभी सीटों पर लेफ्ट उम्मीदवारों ने बाजी मारी।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 6 November 2025, 7:37 PM IST
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New Delhi: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ चुनाव 2025 की मतगणना जारी है, और अब तक के रुझानों में लेफ्ट यूनिटी (United Left) ने तीन प्रमुख पदों पर बढ़त बना ली है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पद पर लेफ्ट उम्मीदवार आगे चल रहे हैं, जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने महासचिव पद पर बढ़त बनाए रखी है।

अदिति मिश्रा की बढ़त से लेफ्ट कैंप में जश्न का माहौल

अध्यक्ष पद की उम्मीदवार अदिति मिश्रा इस बार लेफ्ट यूनिटी (AISA, SFI, AISF, DSF) की ओर से चुनाव मैदान में हैं। अदिति की लोकप्रियता और उनके छात्र आंदोलनों में सक्रिय योगदान को देखते हुए वाम दलों ने उन्हें सर्वसम्मति से अपना चेहरा बनाया था। सूत्रों के अनुसार, अदिति मिश्रा को अब तक गिने गए वोटों में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी विकास पटेल से 450 से अधिक वोटों की बढ़त हासिल है। अदिति के साथ ही लेफ्ट की के. गोपिका बाबू (उपाध्यक्ष पद) और दानिश (संयुक्त सचिव पद) भी अपने पदों पर आगे हैं।

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वाराणसी की बेटी से जेएनयू तक का सफर

अदिति मिश्रा का राजनीतिक सफर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से शुरू हुआ था, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई की। छात्र राजनीति में उनकी पहचान 2017 में उस समय बनी, जब उन्होंने महिला हॉस्टल में लागू कर्फ्यू टाइमिंग के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था।

इसके बाद अदिति ने 2018 में पांडिचेरी यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के दफ्तर के घेराव में हिस्सा लिया, और 2019 में ट्यूशन फीस वृद्धि के खिलाफ देशव्यापी छात्र आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। वर्तमान में वे जेएनयू के School of International Studies के Centre for Comparative Politics and Political Theory में पीएचडी कर रही हैं।

लेफ्ट यूनिटी का प्रभाव कायम

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में इस बार भी लेफ्ट यूनिटी और एबीवीपी (ABVP) के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला। लेफ्ट यूनिटी में AISA, SFI, AISF, और DSF शामिल हैं, जो पिछले कई वर्षों से जेएनयू की छात्र राजनीति में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। पिछले चुनावों की तरह इस बार भी एबीवीपी ने जोरदार अभियान चलाया और हॉस्टल से लेकर सोशल मीडिया तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। हालांकि शुरुआती वोटिंग ट्रेंड्स से साफ है कि जेएनयू का झुकाव अब भी वाम विचारधारा के साथ कायम है।

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फीस, हॉस्टल और महिला सुरक्षा

अदिति मिश्रा ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि अगर वे अध्यक्ष बनती हैं तो उनकी प्राथमिकता “कैंपस में समानता, सुरक्षा और सस्ती शिक्षा” सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा था कि जेएनयू हमेशा विचार, असहमति और संवाद की भूमि रहा है। हमें इस संस्कृति को बचाए रखना है। फीस में बढ़ोतरी, महिला छात्रों की सुरक्षा और सामाजिक न्याय के मुद्दे हमारी प्राथमिकता होंगे।

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Published : 
  • 6 November 2025, 7:37 PM IST