Amazon से खरीदा था पुलवामा हमले के लिए विस्फोटक, PayPal से हो रही ISIS को फंडिंग, जानें कैसे हुआ खुलासा

FATF ने इस रिपोर्ट में भारत के दो बड़े आतंकी हमलों वर्ष 2019 का पुलवामा हमला और वर्ष 2022 का गोरखनाथ मंदिर हमला का उदाहरण देते हुए बताया है कि इन वारदातों में भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और डिजिटल पेमेंट सिस्टम्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 8 July 2025, 8:26 PM IST
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New Delhi: दुनियाभर में आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF (Financial Action Task Force) की ताजा रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकवादी संगठन अब हथियारों और विस्फोटक सामग्री की खरीद के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, डिजिटल पेमेंट सिस्टम्स और VPN जैसी तकनीकों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, FATF ने इस रिपोर्ट में भारत के दो बड़े आतंकी हमलों वर्ष 2019 का पुलवामा हमला और वर्ष 2022 का गोरखनाथ मंदिर हमला का उदाहरण देते हुए बताया है कि इन वारदातों में भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और डिजिटल पेमेंट सिस्टम्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।

Amazon से IED बनाने का सामान, PayPal से ISIS को पैसा

रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलवामा हमले में इस्तेमाल किए गए IED के लिए Amazon से एल्युमिनियम पाउडर मंगाया गया था। जिससे धमाके की ताकत कई गुना बढ़ गई थी। वहीं गोरखनाथ मंदिर हमले के आरोपी ने PayPal के जरिए करीब 6.7 लाख रुपये की विदेशी फंडिंग ISIS समर्थकों को भेजी थी। उसने VPN सर्विस का उपयोग कर अपनी लोकेशन छिपाई। जिससे उसकी पहचान और गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो गया।

3D प्रिंटेड हथियार और केमिकल्स भी मंगवा रहे आतंकी

FATF की रिपोर्ट के अनुसार आतंकी अब 3D प्रिंटर, रसायन और हथियारों के पार्ट्स भी ई-कॉमर्स साइट्स से मंगा रहे हैं। कुछ संगठन कपड़े, किताबें, प्रोपेगेंडा मटेरियल और म्यूजिक बेचकर खुद के लिए फंडिंग भी जुटा रहे हैं। यह पूरी प्रक्रिया तेज, कम लागत वाली और कम ट्रेस होने वाली बताई गई है। जिससे आतंकी संगठनों को अपनी गतिविधियां छिपाने में आसानी हो रही है।

सरकारी समर्थन और P2P सिस्टम्स की भूमिका पर सवाल

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ देशों की सरकारें आतंकियों को सीधे या परोक्ष रूप से फंडिंग, ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट दे रही हैं। भारत पहले से ही पाकिस्तान पर ऐसे आरोप लगाता रहा है और FATF की इस रिपोर्ट से भारत के दावे को बल मिला है।

FATF की चेतावनी

FATF ने अपने सदस्य देशों को चेताया है कि उन्हें VPN, P2P पेमेंट और ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शंस पर सख्त निगरानी रखनी होगी, क्योंकि यह अब आतंकियों के लिए फंडिंग और संसाधन जुटाने के प्रमुख और उभरते हुए माध्यम बन चुके हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पिछले 10 वर्षों में फिनटेक और डिजिटल पेमेंट्स के बढ़ते चलन ने आतंकियों को ऐसे रास्ते दे दिए हैं, जो पहले उनके लिए मुश्किल या असंभव माने जाते थे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से लड़ने की रणनीतियों को पुनः परिभाषित करने का आह्वान है, जहां अब सिर्फ फिजिकल सुरक्षा ही नहीं, डिजिटल निगरानी भी उतनी ही जरूरी हो गई है।

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