Lucknow: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज लखनऊ और दिल्ली में बड़ी कार्रवाई करते हुए रोहतास बिल्डर्स समूह से जुड़ी कई जगहों पर एक साथ छापेमारी की। यह छापेमारी लखनऊ के छह और दिल्ली के दो ठिकानों पर की जा रही है। यह पूरा मामला रियल एस्टेट घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें 48 एफआईआर दर्ज की गई थीं। खरीदारों द्वारा लंबे समय से की जा रही शिकायतों के बाद ईडी ने कार्रवाई तेज की है।
ED की ताबड़तोड़ रेड से हड़कंप
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लखनऊ के हजरतगंज, गोमतीनगर, अलीगंज, इंदिरानगर समेत विभिन्न इलाकों में ईडी की टीमें तड़के से ही सक्रिय हो गईं। छापेमारी की यह कार्रवाई पिछले चार घंटों से लगातार जारी है। ईडी ने रोहतास बिल्डर्स के प्रमोटर्स- पीयूष रस्तोगी, परेश रस्तोगी, दीपक रस्तोगी के ठिकानों के अलावा कुछ कारोबारी और रियल एस्टेट से जुड़े अन्य स्थानों को भी निशाने पर लिया है।
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लखनऊ और दिल्ली में रोहतास बिल्डर्स पर ED का शिकंजा
यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग और ग्राहकों से धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों की जांच के तहत की जा रही है। कहा जा रहा है कि बिल्डर्स ने कई प्रोजेक्ट्स में निवेश करने वाले ग्राहकों से पैसे तो वसूले, लेकिन वर्षों बीत जाने के बावजूद न तो प्रोजेक्ट पूरा हुआ और न ही निवेशकों को पैसा वापस किया गया। इससे नाराज होकर सैकड़ों खरीदारों ने संबंधित थानों में शिकायत दर्ज कराई थी। इन शिकायतों के आधार पर कुल 48 एफआईआर दर्ज की गई थीं।
मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोपों की जांच
ईडी की टीमें अब तक भारी मात्रा में दस्तावेज, लेन-देन से जुड़ी फाइलें, डिजिटल डिवाइस और कंप्यूटर हार्ड ड्राइव्स को जब्त कर चुकी हैं। सूत्रों का कहना है कि कई संदिग्ध लेन-देन और हवाला नेटवर्क की कड़ियाँ भी सामने आई हैं। ईडी इस पूरे मामले को आर्थिक अपराध के तहत देख रही है और मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है।
इस मामले में पीयूष रस्तोगी, परेश रस्तोगी और दीपक रस्तोगी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। छापेमारी के दौरान उनके बैंक खातों, संपत्ति दस्तावेजों और निवेश के रेकॉर्ड्स को खंगाला जा रहा है। जांच एजेंसी ने यह भी संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ने पर इनकी गिरफ्तारी भी संभव है।
गौरतलब है कि रोहतास बिल्डर्स लखनऊ और आस-पास के इलाकों में रियल एस्टेट का बड़ा नाम रहा है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में कंपनी पर ग्राहकों से धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं।