डंकी रूट केस में ईडी की कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ रही है। कई राज्यों में छापेमारी के बाद करोड़ों की नकदी, सोना-चांदी और डिजिटल सबूत मिले हैं। एजेंसी विदेशी लिंक और हवाला नेटवर्क खंगाल रही है। जल्द कई गिरफ्तारियां और बड़े खुलासे संभव हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डंकी रूट केस में ED की कार्रवाई कहां तक पहुंची?
New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कुख्यात ‘डंकी रूट’ सिंडिकेट के खिलाफ शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की है। यह मामला भारतीय नागरिकों को अवैध तरीके से विदेश, खासकर अमेरिका भेजने और इससे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। ईडी की इस कार्रवाई ने अवैध इमिग्रेशन रैकेट की कई परतें खोल दी हैं और आने वाले दिनों में इससे जुड़े बड़े खुलासों और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।
डंकी रूट या डुंकी रूट उस अवैध रास्ते को कहा जाता है, जिसके जरिए लोगों को वैध वीज़ा के बिना कई देशों से होते हुए अमेरिका पहुंचाया जाता है। यह सफर बेहद जोखिमभरा और लंबा होता है, जिसमें लोगों की जान तक खतरे में पड़ जाती है। इस पूरे नेटवर्क को ट्रैवल एजेंट, बिचौलिए, विदेशी हैंडलर और हवाला ऑपरेटर मिलकर संचालित करते हैं।
ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत की है। जांच में सामने आया कि डंकी रूट के जरिए अवैध इमिग्रेशन कराकर करोड़ों रुपये की काली कमाई की गई, जिसे हवाला और बेनामी लेनदेन के माध्यम से छिपाया गया। इसी अवैध धन के स्रोत और ट्रेल को उजागर करने के लिए छापेमारी की गई।
ई-BLO सिस्टम से बदली तस्वीर, यूपी में 12.69 करोड़ हुई मतदाता संख्या; 1 करोड़ से ज्यादा नए युवा वोटर
ईडी के जालंधर जोनल ऑफिस की टीम ने 18 दिसंबर को पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में कुल 13 ठिकानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया। इन ठिकानों में ट्रैवल एजेंटों के दफ्तर, व्यावसायिक परिसर और रिहायशी मकान शामिल थे।
छापेमारी के दौरान ईडी को बड़ी मात्रा में नकदी और कीमती धातुएं मिलीं। दिल्ली स्थित एक ट्रैवल एजेंट के ठिकाने से ₹4.62 करोड़ नकद, 313 किलो चांदी और 6 किलो सोने के बिस्किट बरामद किए गए, जिनकी कुल अनुमानित कीमत ₹19.13 करोड़ बताई जा रही है। इसके अलावा मोबाइल फोन, डिजिटल चैट, टिकट बुकिंग, रूट और पैसों की डील से जुड़ी बातचीत के सबूत भी हाथ लगे हैं। ईडी इससे पहले ही इस केस में ₹5.41 करोड़ की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच कर चुकी है।
हरियाणा के एक बड़े आरोपी के ठिकाने से ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चला कि वह लोगों को मेक्सिको के रास्ते अमेरिका भेजने के बदले उनकी जमीन और प्रॉपर्टी के कागजात गिरवी रखवाता था। इससे यह सुनिश्चित किया जाता था कि तय रकम मिलने तक कोई पीछे न हटे।
Mainpuri News: चकबंदी न्यायालय की भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप, डीएम से की शिकायत
जांच में सामने आया है कि डंकी रूट एक मल्टी-लेयर नेटवर्क के रूप में काम कर रहा था। इसमें स्थानीय ट्रैवल एजेंट, बिचौलिए, तथाकथित “डंकर”, विदेशी हैंडलर, हवाला ऑपरेटर और यात्रा के हर चरण में ठहरने व लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था करने वाले लोग शामिल थे। भारत में सौदा तय होने के बाद लोगों को अलग-अलग देशों के रास्ते अवैध रूप से आगे बढ़ाया जाता था।
यह जांच फरवरी 2025 में तब तेज हुई, जब अमेरिका से करीब 330 भारतीय नागरिकों को मिलिट्री कार्गो विमान से भारत डिपोर्ट किया गया। इसके बाद पंजाब और हरियाणा में दर्ज FIR के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
ईडी अब डिजिटल डेटा और दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच कर रही है। माना जा रहा है कि इस कार्रवाई के बाद कई गिरफ्तारियां, और संपत्ति जब्ती के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क का भी खुलासा हो सकता है। एजेंसी का मानना है कि डंकी रूट सिर्फ अवैध इमिग्रेशन नहीं, बल्कि एक संगठित अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क का हिस्सा है।
अब इस कार्रवाई के बाद साफ हो गया है इस मामले में आने वाले समय में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं साथ ही कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है क्योकि इतनी बड़ी रकम मिलना कोई छोटी बात नहीं है। इस नेटवर्क के बाद और भी चौंकाने वाले खुलासा हो सकता है।