

स्वामी चैतन्यानंद पर छात्राओं से यौन शोषण और करोड़ों की धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ शुरुआती जांच में 16 छात्राओं के यौन उत्पीड़न के बयानों की पुष्टि की है।
स्वामी चैतन्यानंद कस्टडी में
New Delhi: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने स्वामी चैतन्यानंद उर्फ पार्थ सारथी सरस्वती को पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। उन पर आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं से यौन शोषण और करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप है। मामले की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और पुलिस हिरासत में ही आरोपी से विस्तृत पूछताछ जरूरी मानी गई है।
स्वामी चैतन्यानंद पर आरोप है कि उन्होंने अपने निजी शैक्षणिक संस्थान के नाम पर आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार बनाया। साथ ही करोड़ों की ठगी की। आरोप है कि उन्होंने छात्राओं से मोबाइल जब्त किए, बाहरी संपर्क बंद कराकर उनका नियंत्रण बनाए रखा। छात्राओं के प्रमाणपत्र भी जब्त किए गए ताकि वे उनकी मर्जी के खिलाफ न जा सकें। विरोध करने वालों को धमकियां दी गईं, कई छात्राओं को निष्कासन भी झेलना पड़ा।
पुलिस के अनुसार, 16 छात्राओं ने अपने बयानों में यौन उत्पीड़न की पुष्टि की है। आरोपित चैतन्यानंद ने अपने वफादारों का नेटवर्क स्थापित कर संस्थान में गैर-कुशल लोगों को महत्वपूर्ण पद दिए, जिससे प्रशासनिक भ्रष्टाचार और दुरुपयोग हुआ।
जांच में पता चला है कि आरोपी ने लगभग 8 करोड़ रुपए विभिन्न बैंक खातों और सावधि जमा में रखे थे, जो पुलिस ने जब्त कर फ्रीज कर दिए हैं। यह रकम 'श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट' के नाम पर रखी गई थी, जो एक फर्जी ट्रस्ट बताया गया है। आरोपी ने धोखाधड़ी के तहत इस ट्रस्ट का उपयोग संस्थान की संपत्ति कब्जाने और अपने फायदे के लिए किया।
कोर्ट ने कहा है कि चैतन्यानंद ने संस्थान की संपत्ति में आने वाले भूखंड संख्या 7 को इस धोखाधड़ी वाले ट्रस्ट में डालकर बिना अनुमति उप-पट्टा पर दे दिया था। यह संपत्ति असल में संस्थान और दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम, श्रृंगेरी के लिए थी, लेकिन आरोपी ने इसे अपने निजी लाभ के लिए दुरुपयोग किया।
कोर्ट ने स्वामी चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने कहा कि जांच के शुरुआती चरण में आरोपी की पुलिस हिरासत आवश्यक है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं होगा। पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपी को कई जगहों पर जांच के लिए ले जाना आवश्यक है, इसलिए हिरासत जरूरी है।
पीड़ित छात्राओं ने बताया कि स्वामी चैतन्यानंद ने छात्राओं को मानसिक दबाव में रखा और उन्हें अपने नियम मानने के लिए मजबूर किया। मोबाइल फोन जब्त कर उनका बाहरी संपर्क काट दिया। जो छात्राएं विरोध करती थीं, उन्हें धमकी दी जाती थी कि उनका करियर बर्बाद कर दिया जाएगा। एक छात्रा ने तो दावा किया कि चैतन्यानंद ने 17 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न किया।
मार्च 2025 में एक छात्रा ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप था कि उसने 60 हजार रुपये दान दिए, लेकिन फिर भी और पैसे मांगे गए। भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी द्वारा शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू हुई।फिलहाल, दिल्ली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है। आरोपित के पास से जब्त किए गए आर्थिक दस्तावेजों और खातों की जांच जारी है। पुलिस का मानना है कि मामले में और भी कई पहलू सामने आ सकते हैं, इसलिए आरोपी की हिरासत जरूरी है।
पुलिस जांच के दौरान आरोपी को अल्मोड़ा, गुड़गांव, फरीदाबाद और दिल्ली के आसपास के इलाकों में लेकर जाना है, जहां संस्थान की गतिविधियां और आर्थिक लेनदेन हुए हैं। इसी कारण पांच दिन की कस्टडी दी गई है।