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रामलीला मैदान में राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी हैं और ये तीनों भाजपा सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जब संसद में वोट चोरी के मुद्दे पर जवाब देने की बात आई तो गृह मंत्री अमित शाह के हाथ कांप रहे थे। सरकार सच्चाई से डरती है।
New Delhi: रविवार का दिन कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक रहा। रामलीला मैदान में आयोजित ‘वोट चोरी छोड़ो’ महारैली में लाखों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस रैली को भव्य बनाने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से कार्यकर्ता ट्रेन और बसों के जरिए दिल्ली पहुंचे थे। रैली के दौरान कार्यकर्ताओं के हाथों में कांग्रेस का झंडा और राहुल गांधी की तस्वीरें दिखाई दीं। मैदान के अंदर और बाहर तक कार्यकर्ताओं का भारी हुजूम नजर आया।
सुबह से ही कार्यकर्ता लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। कोई कुर्सियों पर बैठा था तो कोई खड़ा होकर मंच की ओर टकटकी लगाए हुए था। जैसे ही राहुल गांधी रामलीला मैदान पहुंचे। मंच पर मौजूद दिग्गज नेताओं और कार्यकर्ताओं ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। पूरे मैदान में नारेबाजी और तालियों की गूंज सुनाई दी।
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने वोट चोरी और एसआईआर के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने सीधे तौर पर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के पास सत्ता है और उसी ताकत के दम पर वह वोट चोरी करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के समय लोगों को दस हजार रुपये तक बांटे जाते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी हैं और ये तीनों भाजपा सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जब संसद में वोट चोरी के मुद्दे पर जवाब देने की बात आई तो गृह मंत्री अमित शाह के हाथ कांप रहे थे। सरकार सच्चाई से डरती है। इसी वजह से सवालों से बचने की कोशिश करती है।