Site icon Hindi Dynamite News

हिमाचल में बादल फटने से तबाही: बाढ़, भूस्खलन और टूटे संपर्क के बीच सेना ने संभाला मोर्चा, जानें ताजा अपडेट

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार शाम बादल फटने से अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं। शिमला, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और किन्नौर ज़िलों में सैकड़ों सड़कें बंद हो गईं, पुल बह गए और कई घर बहाव में आ गए। हालात गंभीर हैं, लेकिन सेना और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
Post Published By: Asmita Patel
Published:
हिमाचल में बादल फटने से तबाही: बाढ़, भूस्खलन और टूटे संपर्क के बीच सेना ने संभाला मोर्चा, जानें ताजा अपडेट

Shimla News: बुधवार शाम हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिससे राज्य में व्यापक तबाही मच गई। सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शिमला, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और किन्नौर शामिल हैं। शिमला और लाहौल-स्पीति में दो छोटे पुल बह गए, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। साथ ही, राज्य में 300 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं।

गांवों से टूटा संपर्क

शिमला के गानवी घाटी में आई तेज बाढ़ ने एक पुलिस चौकी और एक बस स्टैंड को पूरी तरह बहा दिया। आसपास की दुकानें और घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, गानवी, कियाओ और कूट गांवों का बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। अभी तक किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन नुकसान गंभीर है।

कुल्लू और किन्नौर में दो बार फटा बादल

कुल्लू जिले में जिला कलेक्टर तोरुल एस. रवीश के अनुसार, बादल फटने की दो घटनाओं ने जलस्तर को अचानक बढ़ा दिया। समय रहते प्रशासन ने प्रभावित इलाकों से लोगों को निकाला। वहीं, किन्नौर में एक गंभीर स्थिति सामने आई, जहां बाढ़ के कारण चार लोग फंस गए और एक व्यक्ति घायल हो गया। इस पर भारतीय सेना ने त्वरित मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) ऑपरेशन शुरू किया। सेना की टीम ने अंधेरे, तेज़ धाराओं और खतरनाक इलाके को पार करते हुए फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

अब तक 240 से अधिक मौतें

हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष मानसून सीजन अत्यधिक तबाही लेकर आया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, 20 जून से अब तक 240 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। सबसे अधिक मौतें मंडी जिले में दर्ज की गई हैं, जिसके बाद कांगड़ा का स्थान आता है।

सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश में पर्यावरणीय असंतुलन पर चिंता जताई है। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने कहा कि राजस्व कमाने के लिए पर्यावरण की बलि नहीं दी जा सकती। अगर इसी तरह हालात बने रहे तो पूरा हिमाचल प्रदेश नक्शे से गायब हो सकता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जलवायु परिवर्तन का हिमाचल पर स्पष्ट और चिंताजनक प्रभाव पड़ रहा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

Exit mobile version