

जुलाई से शुरू होने जा रही श्री अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ी वारदात को अंजाम दिया, जिसकी जांच अब NIA करेगी। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पहलगाम में आतंकी हमले का NIA करेगी जांच
जम्मू: पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। यह हमला तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्री अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले हुआ है और इसे वर्ष 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ी आतंकी वारदात माना जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, दक्षिण कश्मीर की बायसरन घाटी में सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने टट्टू की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे और दुकानों के पास घूम रहे पर्यटकों को निशाना बनाया। हमले में 28 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं। हमले में कम से कम 24 लोग घायल हुए हैं।
हमले की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनका धर्म पूछा, पहचान पत्र मांगे और फिर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हमला दोपहर करीब तीन बजे हुआ, जब बायसरन घाटी में पर्यटक मौज-मस्ती में लीन थे। यह इलाका घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा है और पर्यटकों के बीच ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है।
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन 'द रजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हमला डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्र में सक्रिय उसी आतंकी समूह ने किया है, जिसे स्थानीय मदद भी मिली हो सकती है। इस जघन्य वारदात की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है।
गौरतलब है कि पहलगाम जम्मू-कश्मीर का प्रमुख पर्यटन स्थल है और इस समय बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक यहां मौजूद थे। हमले का उद्देश्य घाटी के पर्यटन को नुकसान पहुंचाना और अमन चैन को भंग करना बताया जा रहा है।
घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की। गृह मंत्री ने सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ आपात बैठक बुलाई और श्रीनगर रवाना हो गए। प्रशासन ने पीड़ितों की जानकारी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया है। लोग 0194-2457543, 0194-2483651 और एडीसी श्रीनगर आदिल फरीद के मोबाइल नंबर 70060558623 पर संपर्क कर सकते हैं।
अब सभी की निगाहें NIA की जांच और आगे की सुरक्षा रणनीति पर टिकी हैं।