New Delhi: मंगलवार को एशियाई शेयर बाजारों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। इस तेजी की मुख्य वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से संभावित ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है, जिसने वैश्विक निवेश धारणा को मजबूती दी है। अमेरिका में कमजोर रोजगार आंकड़ों के चलते निवेशकों को उम्मीद है कि फेड इस महीने के अंत तक मौद्रिक नीति में नरमी अपना सकता है। इसका असर सीधे तौर पर वॉल स्ट्रीट पर भी देखा गया, जहां सोमवार को प्रमुख सूचकांकों में तेजी आई और इसी पॉजिटिव सेंटिमेंट ने एशियाई बाजारों को भी बल दिया है।
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ब्याज दरों में कटौती हो सकती है
विश्लेषकों का मानना है कि अगर फेड दरों में कटौती करता है तो इससे कॉर्पोरेट अमेरिका को पूंजी तक सस्ती पहुंच मिलेगी, जिससे न केवल अमेरिकी बल्कि वैश्विक बाजारों में भी सकारात्मक असर दिखाई देगा। ट्रेडर्स का मानना है कि इस साल कुल मिलाकर तीन बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।
अमेरिकी बाजारों से मिले संकेत
- S&P 500 में सोमवार को बढ़त दर्ज की गई, जो शुक्रवार को आई गिरावट के बाद एक राहत भरा संकेत था।
- 2 साल की अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 2022 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गई है, जो संकेत देता है कि बाजार फेड की नरम नीति की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
- डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई, जबकि सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर बना हुआ है, यह दर्शाता है कि निवेशक फिलहाल सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
एशियाई बाजारों का हाल
मंगलवार सुबह के कारोबार में अधिकांश एशियाई बाजार हरे निशान में नजर आए। कुछेक बाजारों में हल्की गिरावट भी देखी गई, लेकिन कुल मिलाकर निवेशकों की धारणा सकारात्मक बनी रही।
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ऑस्ट्रेलियाई बाजार में गिरावट
जहां अधिकांश एशियाई बाजारों में तेजी रही। वहीं ऑस्ट्रेलियाई शेयर बाजार लाल निशान में रहा। इसका कारण घरेलू आर्थिक आंकड़ों और संसाधनों की कीमतों में उतार-चढ़ाव माना जा रहा है।
क्या कहता है बाजार विशेषज्ञों का अनुमान?
वित्तीय विश्लेषकों के अनुसार अगर यूएस फेड इस महीने ब्याज दरों में कटौती करता है, तो वैश्विक बाजारों में मिड-टर्म तेजी देखने को मिल सकती है। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, विशेषकर उभरते बाजारों में।

