

दिल्ली के एक आश्रम में एक ढ़ोंगी बाबा की हैरान कर देने वाली करतूत सामने आई है।अश्लील बातें और धमकी देने के आरोप लगे हैं। वह लड़कियों को फेल करने की धमकी देकर अपने कमरे में बुलाता था।
पार्थ सारथी उर्फ स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, आरोपी बाबा
New Delhi: जब एक गुरु, गाइड बनने की बजाय डर का प्रतीक बन जाए, तो सवाल उठना लाज़िमी है। दिल्ली के एक प्रतिष्ठित आश्रम और मैनेजमेंट संस्थान में जो खुलासा हुआ है, वो सिर्फ कानून का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक विफलता का आईना है।
पार्थ सारथी उर्फ स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती एक ऐसा नाम, जो आध्यात्म और शिक्षा की आड़ में छात्राओं का मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक शोषण करता रहा। खुद को “विदेश ले जाने” और “गुरु कृपा” देने वाला कहने वाला यह व्यक्ति असल में डर, दबाव और बदनीयती का जाल बुन रहा था।
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चैट सामने आई, जिसमें बाबा लड़कियों से कहता है — “मेरे कमरे में आओ, वरना फेल कर दूंगा”। ये शब्द किसी बाहरी गुंडे के नहीं, एक संस्थान के उच्च पदस्थ स्वामी के हैं। छात्राओं ने आरोप लगाया कि बाबा उन्हें अश्लील मैसेज करता था, जबरन छूने की कोशिश करता, और न मानने पर धमकी देता।
सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि इस पूरी हरकत में अकेला बाबा नहीं था। उसके साथ तीन महिला वॉर्डन भी थीं, जो लड़कियों को चुप रहने के लिए कहतीं, चैट डिलीट करातीं और बाबा के ‘राज’ को ढकने में मददगार बनतीं।
जब ये घटनाएं सामने आईं, तब आरोपी बाबा लंदन में था — जैसे हर गलत इंसान अपने पीछे गंदगी छोड़कर भागता है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, हार्डडिस्क, और वॉर्डन के बयान अपने कब्जे में ले लिए हैं। अब मामला सिर्फ छेड़छाड़ तक सीमित नहीं, बल्कि एक संगठित शोषण तंत्र की तरफ इशारा कर रहा है।
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कौन है यह बाबा?
पार्थ सारथी एक समय में श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट का प्रबंधक था, जिसे श्रृंगेरी मठ संचालित करता है। उसके खिलाफ पहले भी यौन उत्पीड़न के मामले (2009 और 2016 में) दर्ज हो चुके हैं — लेकिन हर बार बच निकलने वाला यह स्वामी इस बार पकड़ में आ गया।
यह मामला सिर्फ यौन उत्पीड़न का नहीं, बल्कि "आस्था के नाम पर संस्थागत शोषण" का है। यह एक ऐसा उदाहरण है, जहां धर्म, शिक्षा और शक्ति के मेल ने लड़कियों की आवाज को दबाने की कोशिश की।
अब सवाल यह नहीं कि बाबा पर क्या आरोप हैं — सवाल यह है कि हमारी व्यवस्था, संस्थान और समाज कब तक ऐसे ढोंगियों को मंच देते रहेंगे?