केंद्र सरकार के नए ग्रामीण रोजगार कानून वीबी-जी राम जी के खिलाफ कांग्रेस ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का एलान किया है। पार्टी का आरोप है कि यह विधेयक मनरेगा को कमजोर कर गरीबों से उनका संवैधानिक अधिकार छीनने की कोशिश है। कांग्रेस ने इसे गांधीजी की विरासत और मजदूरों के अधिकारों पर सीधा हमला बताया है।

कांग्रेस करेगा देशव्यापी प्रदर्शन
New Delhi: कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नए ग्रामीण रोजगार कानून ‘विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) वीबी-जी राम जी’ के खिलाफ बुधवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया है। पार्टी का कहना है कि यह कानून महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे करोड़ों ग्रामीण गरीबों और मजदूरों का अधिकार छिन जाएगा।
कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि बुधवार को देश के हर जिले के मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ राजनीतिक विरोध नहीं है, बल्कि गरीबों के हक और संविधान की भावना की रक्षा के लिए जरूरी है।
केसी वेणुगोपाल ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि सभी विरोध प्रदर्शनों में महात्मा गांधी की तस्वीरें अनिवार्य रूप से रखी जाएं। कांग्रेस का मानना है कि गांधीजी के नाम पर बनी योजना को खत्म करने की कोशिश, दरअसल उनके मूल्यों और विचारधारा को मिटाने का प्रयास है। गांधीजी की तस्वीरों के जरिए पार्टी प्रतीकात्मक रूप से यह संदेश देना चाहती है कि वह श्रम की गरिमा और काम के अधिकार के साथ खड़ी है।
अपने पत्र में केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वीबी-जी राम जी कानून सिर्फ एक नीतिगत बदलाव नहीं है, बल्कि यह मजदूरों के अधिकार, संघीय ढांचे और गांधीजी की विरासत पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा-आरएसएस की सोची-समझी साजिश है, जिसका मकसद अधिकार आधारित कल्याण योजनाओं को समाप्त कर उन्हें केंद्र सरकार के नियंत्रण वाली ‘चैरिटी स्कीम’ में बदलना है।
मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वीबी-जी राम जी विधेयक, 2025 पेश किए जाने के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन करते हुए सरकार पर गरीब विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना है कि सरकार संसद में बिना व्यापक चर्चा के ऐसे कानून लाकर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर कर रही है।
कांग्रेस का तर्क है कि मनरेगा एक अधिकार आधारित कानून है, जो ग्रामीण परिवारों को न्यूनतम 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित करता है। इसके विपरीत वीबी-जी राम जी कानून को सरकार द्वारा नियंत्रित योजना बताया जा रहा है, जिसमें रोजगार की कोई कानूनी गारंटी नहीं होगी। पार्टी का दावा है कि इससे राज्यों की भूमिका भी कमजोर होगी और केंद्र का नियंत्रण बढ़ेगा।
केसी वेणुगोपाल ने यह भी घोषणा की कि 28 दिसंबर को कांग्रेस के स्थापना दिवस के अवसर पर हर ब्लॉक और गांव में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में भी महात्मा गांधी की तस्वीरें रखी जाएंगी और श्रम की गरिमा, सामाजिक न्याय तथा काम के अधिकार के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता को दोहराया जाएगा।
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केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि यह लड़ाई सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि नैतिक भी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मनरेगा, गांधीजी की विरासत और गरीबों के लिए संविधान द्वारा दिए गए न्याय के वादे की रक्षा के लिए आगे आना होगा।
कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को हटाने या कमजोर करने की कोशिश देश के करोड़ों ग्रामीण मजदूरों के हितों पर सीधा प्रहार है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह इस मुद्दे पर सड़क से संसद तक संघर्ष जारी रखेगी और जरूरत पड़ी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।