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दुनिया के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में शुमार मालदीव एक समय बौद्ध धर्म का केंद्र था। लेकिन आज से करीब 896 साल पहले इस द्वीपीय देश ने इस्लाम धर्म को अपनाया, जिसने उसकी धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दिशा को हमेशा के लिए बदल दिया। हर साल रबी उल आखिर की दूसरी तारीख को मालदीव में इस ऐतिहासिक परिवर्तन की याद मनाई जाती है।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
New Delhi: मालदीव की धार्मिक यात्रा एक गहन सांस्कृतिक बदलाव की कहानी है। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बौद्ध धर्म इस देश में आया और यह कई सदियों तक मालदीव की मुख्य धार्मिक पहचान बना रहा। देश के विभिन्न द्वीपों पर आज भी बौद्ध स्तूपों, मठों और मूर्तियों के अवशेष पाए जाते हैं, जो उस समय की गौरवशाली धार्मिक विरासत के गवाह हैं।
मालदीव के राजा का धर्म परिवर्तन
12वीं सदी में मालदीव की धार्मिक धारा ने एक ऐतिहासिक मोड़ लिया। एक इस्लामी विद्वान अबू अल-बरकत यूसुफ अल-बरबरी मालदीव पहुंचे। कुछ ऐतिहासिक स्रोत उन्हें उत्तरी अफ्रीका से बताते हैं, जबकि अन्य के अनुसार वे सोमालिया या ईरान से थे। उन्होंने मालदीव के तत्कालीन राजा धोवेमी को इस्लाम धर्म स्वीकारने के लिए प्रेरित किया। राजा ने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम को अपनाया और उनका नाम बदलकर सुल्तान मुहम्मद अल-आदिल रख दिया गया। इसके साथ ही मालदीव में इस्लाम की नींव पड़ी और धीरे-धीरे पूरे देश ने इस्लाम को अपना लिया।
धर्म परिवर्तन के बाद मालदीव में आए परिवर्तन
इस्लाम को स्वीकार करने के बाद मालदीव की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना में व्यापक परिवर्तन हुए।
• शरिया कानून को न्याय प्रणाली का मूल आधार बनाया गया, जो आज भी वहां की कानूनी व्यवस्था का हिस्सा है।
• शिक्षा, कला और साहित्य पर इस्लामी प्रभाव दिखने लगा।
• जीवनशैली और सामाजिक रीति-रिवाजों में इस्लामी मूल्यों का समावेश हुआ।
मालदीव कई सदियों तक एक इस्लामी सल्तनत रहा और 1968 में गणराज्य बनने के बावजूद इस्लाम आज भी वहां का राजधर्म है।
आधुनिकीकरण और धार्मिक पहचान का संतुलन
आज मालदीव केवल एक धार्मिक राष्ट्र नहीं, बल्कि दुनिया भर में एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में भी पहचान बना चुका है।
• यहाँ की मस्जिदें न केवल धार्मिक पूजा के स्थल हैं, बल्कि सामाजिक जीवन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
• देश ने आधुनिकता और धार्मिक मूल्यों के बीच संतुलन बनाकर अपने सांस्कृतिक स्वरूप को बनाए रखा है।
मुस्लिम पर्यटकों की पसंदीदा जगह बना मालदीव
मालदीव अब खासकर मुस्लिम पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षक स्थल बन गया है।
यहां की सरकार ने पर्यटन में इस्लामिक जीवनशैली को प्राथमिकता देते हुए कई कदम उठाए हैं।
• हलाल भोजन की उपलब्धता
• प्राइवेट फैमिली विला
• नमाज़ के लिए मस्जिदें
• स्पा और रेस्ट के इस्लामिक विकल्प
ये सभी सुविधाएं मुस्लिम परिवारों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं।
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